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जनसंचार एवं माध्यम, क्लास - 11 || जनसंचार के माध्यम, माध्यमों के लाभ , माध्यमों का उपयोग, तत्व || EXAM NOTES

              जनसंचार  एवं  माध्यम, क्लास - 11   

जनसंचार के माध्यम, क्लास 11 के लिए, विभिन्न प्रकार के संचार साधनों का अध्ययन है जिनका उपयोग बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचने के लिए किया जाता है।

 इसमें प्रिंट मीडिया (जैसे अखबार और पत्रिकाएं), प्रसारण मीडिया (जैसे रेडियो और टेलीविजन), और डिजिटल मीडिया (जैसे सोशल मीडिया और ऑनलाइन समाचार) शामिल हैं. 

प्रिय पाठकों,........इस पोस्ट में हमने जनसंचार के के महत्वपूर्ण बिंदुओ को क्रमवार समाहित किया है। यदि आपको हमारे द्वारा किया गया यह प्रयास अच्छा लगा है, तो इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ अवश्य साझा करें। आप अपने सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में दर्ज कर सकते है। जिससे हम आगामी ब्लॉग को और बेहतर बनाने की कोशिश कर सकें।

  •  संचार का अर्थ
  • संचार के विभिन्न तत्व
  • जनसंचार के माध्यमों के प्रकार
  • समाचार लेखन के छह ककार
  • जनसंचार के माध्यमों के लाभ
  • जनसंचार के माध्यमों के नुकसान
  • जनसंचार के माध्यमों का उपयोग

 संचार का अर्थः - 

- 'चर' धातु से उत्पन्न संचार शब्द का अर्थ 'चलना' अथवा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचना है।

- दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान संचार कहा जाता है। अँग्रेजी के 'कम्यूनिकेशन" शब्द का हिंदी पर्याय 'संचार' है।

- अनेक व्यक्तियों में होने वाली संचार प्रक्रिया की ही जनसंचार कहते हैं।

- प्रसिद्ध संचार शास्त्री विद्वान् विल्बेर श्रेम के अनुसार-संचार अनुभवों की साझेदारी है।

- संचार जीवन भर चलने वाली एक प्रक्रिया है। सभी जीव संचार करते हैं परंतु मनुष्य बौद्धिक रूप से अन्य जीवों की बजाय अधिक विकसित होने के कारण सर्वोत्तम संचार करता है। संचार साधनों के विकास से भौगोलिक दूरियाँ कम हो गई हैं एक अंगुली के स्पर्श से दूर बैठे अपनों से संचार कर सकते हैं।

- सूचनाओं, विचारों और भावनाओं को मौखिक, लिखित अथवा दृश्य-श्रव्य माध्यमों के द्वारा सफलतापूर्वक एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाना ही संचार है और इस प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद करने वाले तरीके संचार माध्यम कहलाते हैं।

संचार के विभिन्न तत्व :-



संचार प्रक्रिया में कई चरण या तत्व शामिल हैं, जो निम्नलिखित हैं।

(1) स्रोत या संचारकः- यह संचार प्रक्रिया को प्रारंभ करता है। स्रोत या संचारक संचार प्रक्रिया का प्रथम तत्व या चरण है।                                                                       (व्याख्याता हिन्दी परीक्षा- 15 अक्टूबर, 2022)

व्यक्ति अपने संदेश या सूचना को अन्य तक पहुंचता है अतः वह स्रोत या संचारक (संदेश भेजने वाला) है।

(2) कूटीकृत या एनकोडिंगः- यह संचार प्रक्रिया का दूसरा  चरण हैं। असल में भाषा एक तरह का कूट चिह्न या कोड है। संदेश की भाषा का ज्ञान संचार कर्ता व प्राप्त कर्ता दोनों को होना चाहिए।

(3) संदेशः- यह संचार प्रक्रिया का तीसरा चरण है। संचार प्रक्रिया में संदेश का बहुत अधिक महत्त्व है। इसलिए सफल संचार के लिए जरूरी है कि संचारक अपने संदेश को लेकर खुद पूरी तरह से स्पष्ट हो। संदेश जितना स्पष्ट और सीधा होगा, संदेश प्राप्तकर्ता को उसे समझना उतना ही आसान होगा।

अतः सफल संचार के लिए संदेश का स्पष्ट और सीधा होना आवश्यक है।

(4) माध्यमः- (चैनल) संदेश को किस माध्यम से प्राप्तकर्ता तक पहुंचाया जाता है। स्पर्श या छूना भी माध्यम है। टेलीफोन, समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविजन, इंटरनेट, फिल्म आदि विभिन्न माध्यमों के जरिये संदेश प्राप्तकर्ता तक पहुंचाया जाता है।

(5) डीकोडिंग, प्राप्तकर्ता या रिसीवरः- डीकोडिंग का अर्थ है प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को समझने की कोशिश। यह एनकोडिंग की उल्टी प्रक्रिया है। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता उन चिह्नों और संकेतों के अर्थ निकलता है, जो संचारक द्वारा भेजे गये हैं। संचारक और प्राप्तकर्ता दोनों का उस कोड से परिचित होना जरूरी है।

(6) फीडबैकः- प्राप्तकर्ता को जब संदेश मिलता है तो वह उसके मुताबिक अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। प्रतिक्रिया सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है। संचार प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की इस प्रतिक्रिया को फीडबैक कहते हैं। इस फीड बैंक के अनुसार ही संचारक अपने संदेश में सुधार करता है और संचार प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

(7) शोर (नॉयस्त)- संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाएं या रुकावटें शोर कहलाती है। यह शोर किसी भी तरह का हो सकता है।

यह मानसिक, मानसिक तकनीकी और भौतिक भी हो सकता है। सफल संचार के लिए संचार प्रक्रिया से शोर को हटाना या कम करना बहुत जरूरी है।

                           *  जनसंचार के माध्यमों के प्रकार *

संचार के प्रकार

संचार के प्रकार दो आधार पर निर्धारित किये गये हैं-

(क) संचार का एक आधार मनुष्य की शारीरिक व मानसिक प्रक्रियाओं से संबंधित है।

(ख) दूसरा आधार संचारक व प्राप्तकर्ता की संख्या पर निर्भर करता है।

( क) प्रथम आधार पर संचार के तीन प्रकार होते हैं:-

(1) सांकेतिक संचारः- इसमें व्यक्ति द्वारा किये गये इशारे या संकेत शामिल हैं।

(2) मौखिक संचारः- इसमें व्यक्ति द्वारा भाषा का चयन करते हुए अपनी बात प्राप्तकर्ता तक प्रेषित की जाती है।
(3) अमौखिक संचारः- इसमें व्यक्ति अपने शारीरिक अंगों- चेहरे, नाक, मुहँ, हाथ आदि द्वारा अपने भाव व विचारों को विभिन्न भाव-भंगिमाओं के साथ व्यक्त करता है।

(ख) संचार के दूसरे आधारानुसार संचार के चार प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित है-

(1) अंतः वैयक्तिक संचारः-
- यह संचार का बुनियादी रूप माना जाता है। इसमें वह प्रक्रिया आती है जिसमें संचारक अपनी बात प्राप्तकर्ता तक पहुंचाने हेतु जो सर्वप्रथम विचार योजना बनाता है।

जैसे:- स्वयं से बातें करना, प्रार्थना करना, विचार या मंथन करना आदि इसका रूप है।

(2) अंतरवैयक्तिक संचारः- 
- इसमें संचारक और प्राप्तकर्ता आमने-सामने होते है और दोनों आपस में बातें या सम्प्रेषण करते हैं। इसमें परस्पर दो व्यक्तियों की आपस में पास रहते हुए बातचीत करना शामिल है।
- इसमें फीडबैक तुरंत प्राप्त होता है। 
- इस संचार में निपुणता प्राप्त करना बहुत अवश्य है इसी से आपसी रिश्ते और पारिवारिक-सामाजिक संबंध निर्मित होते हैं और कायम भी रह पाते हैं। नौकरी, किसी संस्था में प्रवेश आदि में इसी संचार की कुशलता काम करती है।

(3) समूह संचारः- 
- इस संचार प्रक्रिया में दो से अधिक व्यक्ति परस्पर किसी विषय या मुद्दे पर चर्चा या विचार-विमर्श करते हैं।

समाचार लेखन के छह ककार : - 

किसी भी समाचार को लिखने के लिए, ये छह सवाल बहुत महत्वपूर्ण होते हैं: क्या हुआ, किसके साथ हुआ, कहाँ हुआ, कब हुआ, कैसे और क्यों हुआ? इन सवालों के जवाब देना ही समाचार लेखन का आधार होता है। 

1 हुआ (What): समाचार में मुख्य घटना क्या है?
2 किसके साथ हुआ (Who): घटना किन लोगों से संबंधित है?
 3 कहाँ हुआ (Where): घटना कहाँ हुई?
 4 कब हुआ (When): घटना कब हुई?
5 कैसे हुआ (How): घटना कैसे हुई?
6 क्यों हुआ (Why): घटना के पीछे का कारण क्या है?

इन छह सवालों के जवाब देकर एक अच्छा और विस्तृत समाचार लिखा जा सकता है.

 *  जनसंचार के माध्यमों के प्रकार *

प्रिंट मीडिया:-

इसमें समाचार पत्र, पत्रिकाएं, किताबें, और अन्य मुद्रित सामग्री शामिल हैं जो सूचना और मनोरंजन प्रदान करते हैं.

प्रसारण मीडिया:-  

इसमें रेडियो और टेलीविजन जैसे माध्यम शामिल हैं जो आवाज और वीडियो के माध्यम से सूचना प्रसारित करते हैं.

डिजिटल मीडिया:

इसमें सोशल मीडिया, ऑनलाइन समाचार वेबसाइटें, ब्लॉग, और अन्य ऑनलाइन सामग्री शामिल हैं जो इंटरनेट के माध्यम से लोगों तक पहुँचती हैं. 

 जनसंचार के माध्यमों के लाभ 

बड़ी पहुँच:

जनसंचार के माध्यमों का उपयोग बड़ी संख्या में लोगों तक पहुँचने और जानकारी साझा करने के लिए किया जा सकता है.

विविधता:

वे विभिन्न प्रकार की सूचना, मनोरंजन, और दृष्टिकोण प्रदान करते हैं.

समय-समय पर अपडेट:

वे नवीनतम घटनाओं और जानकारी के बारे में लोगों को अद्यतन रखते हैं. 

जनसंचार के माध्यमों के नुकसान:-

एक तरफा संचार:

वे आमतौर पर एक तरफा संचार होते हैं, जहां सूचना प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक भेजी जाती है, और प्राप्तकर्ता को प्रतिक्रिया देने का अवसर नहीं मिलता. 

गलत सूचना:

वे गलत या भ्रामक जानकारी भी प्रसारित कर सकते हैं, जो हानिकारक हो सकती है. 

प्रभाव:

वे समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं, और उनके द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली सामग्री व्यक्तियों के विचारों और व्यवहार को प्रभावित कर सकती है. 

जनसंचार के माध्यमों का उपयोग:-

समाचार और जानकारी:

लोग जनसंचार के माध्यमों का उपयोग समाचार, जानकारी, और घटनाओं के बारे में अद्यतन रहने के लिए करते हैं.

मनोरंजन:

वे मनोरंजन के स्रोत के रूप में भी काम करते हैं, जैसे कि फिल्में, संगीत, और टीवी शो.

शिक्षा:

वे शैक्षिक सामग्री प्रदान करते हैं, जैसे कि ऑनलाइन पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री.

प्रचार:

वे विज्ञापन और प्रचार के लिए भी उपयोग किए जाते हैं. 

कुल मिलाकर, जनसंचार के माध्यम हमारे समाज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, और वे हमारे दैनिक जीवन को विभिन्न तरीकों से प्रभावित करते हैं.

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