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RPSC First Grade Syllabus : व्याख्याता (स्कूल शिक्षा) पद के लिए परीक्षा का पाठ्यक्रम विषय हिंदी

 RAJASTHAN PUBLIC SERVICE COMMISSION, AJMER

SYLLABUS FOR EXAMINATION FOR THE POST OF LECTURER (SCHOOL EDUCATION) HINDI

RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षक: एक सम्पूर्ण जानकारी

शिक्षा एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो हर समाज की उन्नति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राजस्थान में RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति शिक्षा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षक के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे, जो एक ब्लॉगर को इस पद की जानकारी हासिल करने में सहायक होगी।

RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षक: एक अवलोकन

RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षक का पद राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है। इस पद पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों को विशेष परीक्षाओं और साक्षात्कारों के माध्यम से चयन किया जाता है। इस पद के लिए योग्यता, परीक्षा पैटर्न, वेतन और कैरियर विकल्पों के बारे में सभी महत्वपूर्ण विवरण इस पोस्ट में उपलब्ध होंगे

RPSC फर्स्ट ग्रेड शिक्षक के पद के लिए पात्रता: 

  • आवेदक को प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से एमए, में मास्टर डिग्री और बी.एड. योग्यता प्राप्त होनी चाहिए।
  • चयन प्रक्रिया: लिखित परीक्षा वस्तुनिष्ट 
  • वेतन और भत्ते:  


  • EXAM PATTERN 2ND  PAPER

    Subject

    qustion

    marks

    वरिष्ठ माध्यमिक स्तर में संबंधित विषय का ज्ञान

    55

    110

    स्नातक स्तर पर संबंधित विषय का ज्ञान

    55

    110

    पोस्ट ग्रेजुएट में संबंधित विषय का ज्ञान

    10

    20

    एजुकेशन साइकोलॉजी, पेडगॉजी, टीचिंग लर्निंग मटेरियल  ऑफ़ कंप्यूटर एंड आईटी इन टीचिंग लर्निंग

    30

    60

    कुल

    150

    300

     


                                PAPER – II

    खंड-1 उच्च माध्यमिक स्तर

    (अ)

    संधि , समास, उपसर्ग , प्रत्यय

    पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द , समश्रुत मिन्नार्थक शब्द , अनेकार्थी शब्द , वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द

    शब्द शुद्धीकरण एवं वाक्य शुद्धीकरण

    अ‌र्थशाराकीय पत्र, विज्ञप्ति, परिपत्र, निविदा ज्ञापन अधिसूचना

    मुहावरे एवं लोकोक्तियों

    अपठित गद्यात अपठित पद्याश

    जनसंचार के प्रमुख माध्यम तत्सम्बन्धी लेखन एवं पत्रकारिता

    कविता, कहानी वार्ता, रिपार्ताज एव डायरी लेखन विषयक परिभाषण, तत्त्व आदि

    (ब) 

    शब्द शक्ति - अभिधा, लक्षणा व्यजना

    अलकार - यमक ,श्लेष, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा , संदेह , भ्रांतिमान ,  दृष्टान्त ,उदाहरण

    छंद  - दोहा , चौपाई , रोला , उल्लाला, गीतिका, हरिगीतिका

    काव्य गुण - माधुर्य , ओज, प्रसाद

    काव्य रस - रस का स्वरूप , स्सावयव ,स्थायीभाव ,विभाव, अनुभाव, संचारीभाव ,  विभिन्न रसों  के लक्षण एवं उदाहरण

    खंड-II स्नातक स्तर

    हिन्दी साहित्य का इतिहास :-

    (1) इतिहास-लेखन की परम्परा, प्रमुख इतिहास-ग्रथ एवं इतिहास-लेखक, हिन्दी साहित्य का आरम्भ, काल-विभाजन और नामकरण

    (ii) आदिकाल- रचनाओं की प्रमाणिकता, प्रवृत्तियाँ, प्रमुख रचनाकार एवं रचनाओं का परिचय (चदवरदाई, नरपतिनाल्ह)

    (iii) भक्तिकाल - सामान्य परिचय, भक्ति का उद्भव, विकास और दार्शनिक पृष्ठभूमि ,  

    * संत काव्य - विशेषताएँ, प्रमुख कवि एवं रचनाएँ (कबीर, दादू)

    * सूफी काव्य - विशेषताएँ, प्रमुख कवि एवं रचनाएँ (जायसी, मझन)

    राम भक्ति काव्य - विशेषताएँ, प्रमुख कवि एव रचनाएँ (तुलसीदास)

    कृष्ण भक्ति काव्य - विशेषताएँ, प्रमुख कवि एवं रचनाएँ (सूरदास, मीरा, नंददास)

    (iv) रीतिकाल- रीति से तात्पर्य, रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध एवं रीतिमुक्त।

     तत्कालीन काव्य की सामान्य प्रवृत्तियाँ एवं विशेषताएँ, प्रमुख रचनाकार एवं रचनाओं का परिचय (देव, भूषण, बिहारी, घनानंद)

    (v) आधुनिककाल -

    पूर्व पीठिका - तत्कालीन परिस्थितियाँ, हिंदी (खड़ी बोली) गद्य का उद्भव, नवजागरण, भारतेंदु एवं समकालीन साहित्यकार, गद्य की विविध विधाओं का उद्भव 

    विविध गद्यविधाओं का विकास - नाटक, एकांकी, निबंध, कहानी, उपन्यास, आत्मकथा, जीवनी, संस्मरण, रेखाचित्र एवं रिपोर्ताज प्रमुख रचनाकारों एवं उनकी रचनाओं का परिचय 

    काव्य का विकास - भारतेंदु युग, द्विवेदी युग, छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, नई कविता एवं

     समकालीन कविता - प्रमुख रचनाकारों एवं उनकी रचनाओं का परिचय।

    खंड-III स्नातकोत्तर स्तर

    * काव्य - हेतु , लक्षण एवं प्रयोजन

    * रसनिष्पत्ति, साधारणीकरण, ध्वनि सिद्धान्त, वक्रोक्ति सिद्धान्त

    * अरस्तू का अनुकरण सिद्धान्त, लोजाइनस का उदात्त तत्त्व, मनोविश्लेषणवाद

    रचनाएँ :-

    * कबीर ग्रंथावली -  (सं० श्यामसुंदरदास) साखी

    * गुरुदेव की अंग, पद -  प्रारम्भिक 05

    * रामचरित मानस (तुलसीदास) - बालकांड

    * बिहारी रत्नाकर (सं० जगन्नाथदास रत्नाकर) - प्रारम्भिक 25 दोहे

    * साकेत (मैथिलीशरण गुप्त)  - नवम सर्ग

    निबंध :-

    * कविता क्या है -  (चिंतामणि- पहला भाग, रामचंद्र शुक्ल), 

     * शिरीष के फूल -  (कल्पलता- हजारी प्रसाद द्विवेदी)

    कहानियाँ :-

     कफन (प्रेमचंद), पुरस्कार (जयशंकर प्रसाद), यही सच है (मन्नू भंडारी)

    हिन्दी भाषा  - उद्भव और विकास, बोलियाँ उपबोलियाँ, राजभाषा और देवनागरी लिपि

    भाग- IV (शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षा शास्त्र, शिक्षण अधिगम सामग्री, कम्प्यूटर एवं सूचना तकनीकी का शिक्षण अधिगम में उपयोग)

    1. शैक्षिक मनोविज्ञान

    * शैक्षिक मनोविज्ञान की अवधारणा क्षेत्र तथा कार्य।

    * किशोर अधिगमकर्ता की शारीरिक, संज्ञानात्मक, सामाजिक, संवेगात्मक एवं नैतिक विकासात्मक विशेषताएँ तथा शिक्षण अधिगम के लिए इसके निहितार्थ।

    * अधिगम के व्यवहारवादी, संज्ञानात्मक एवं निर्मितवादी (Constructivist) सिद्धान्त तथा उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के लिए इसके निहितार्थ।

    * मानसिक स्वास्थ्य एवं समायोजन की अवधारणा तथा समायोजन युक्तियाँ।

    * संवेगात्मक बुद्धिमत्ता और शिक्षण अधिगम में इसके निहितार्थ।


    II. शिक्षा शास्त्र एवं शिक्षण अधिगम सामग्री (किशोर अधिगमकर्ता हेतु अनुदेशनात्मक व्यूह रचनाएँ)

    * सम्प्रेषण कौशल तथा इसका उपयोग।

    * शिक्षण प्रतिमान (Teaching Models) अग्रिम व्यवस्थापक, संप्रत्यय सम्प्राप्ति, सूचना प्रक्रिया (Information processing), पृच्छा प्रशिक्षण (Inquiry Training)।

    * शिक्षण के दौरान शिक्षण अधिगम सामग्री तैयार करना तथा उपयोग करना।

    सहकारी अधिगम

    III. शिक्षण अधिगम में कम्प्यूटर एवं सूचना तकनीकी का उपयोग

    * आई सी टी (ICT), हार्डवेयर (Hardware) एवं सॉफ्टवेयर (Software) की अवधारणा

    * प्रणाली उपागम

    * कम्प्यूटर सहाय अधिगम (CAL), कम्प्यूटर सहाय अनुदेशन (CAI)

          *********************************

    स्कूल व्याख्याता पद हेतु प्रतियोगी परीक्षा के लिए:-

    1. प्रश्न पत्र अधिकतम 300 अंकों का होगा।

    2. प्रश्न पत्र की अवधि तीन घंटे होगी

    3. प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय 150 प्रश्न होंगे।

    4. उत्तरों के मूल्यांकन में नकारात्मक अंकन लागू होगा। प्रत्येक गलत उत्तर के लिए उस विशेष प्रश्न के लिए निर्धारित अंकों में से एक तिहाई अंक काटे जाएंगे।

    5. पेपर में निम्नलिखित विषय शामिल होंगे: -

    (i) संबंधित विषय का ज्ञान: वरिष्ठ माध्यमिक स्तर

    (ii) संबंधित विषय का ज्ञान: स्नातक स्तर।

    (iii) संबंधित विषय का ज्ञान: स्नातकोत्तर स्तर।

    (iv) शैक्षिक मनोविज्ञान, शिक्षाशास्त्र, शिक्षण अधिगम सामग्री, शिक्षण अधिगम में कंप्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग।

    स्कूल व्याख्याता हिन्दी विषय के लिये उपयोगी पुस्तके

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