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RSCERT || राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद || Rajasthan State Institute Of Educational Research and Training, Rajasthan

 राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (RSCERT)

 Rajasthan State Institute Of Educational Research and Training, Rajasthan



आदर्श वाक्य- "उद् बुध्यध्वं समनसः सखायः"

* राष्ट्रीय स्तर पर जो कार्य NCERT करता है, राज्य स्तर पर वही कार्य RSCERT द्वारा किया जाता है, RSCERT राजस्थान में विद्यालय एवं अध्यापक शिक्षा के योजना निर्माण, क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन के लिए सर्वोच्च शैक्षिक संगठन है। इसलिए इसे राज्य की 'सर्वोच्च शैक्षिक संस्था' माना जाता है।

* 14 अगस्त, 2018 को SIERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान) का नाम बदलकर RSCERT (राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्) रखा गया। साथ ही इसे स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा दिया गया।

शैक्षिक क्षेत्र में NCERT द्वारा निर्धारित लक्ष्य व अनुसंधान को प्रत्येक राज्य अपने भौगोलिक स्थिति, आवश्यकता व प्राप्त संसाधनों के अनुकूल अपनाता है।

तृतीय पंचवर्षीय योजना में भारत के प्रत्येक राज्य और दिल्ली में राज्य शिक्षा संस्थान (SIE) स्थापित किए गए।

राजस्थान में सन् 1963 में उदयपुर में राज्य शिक्षा संस्थान (SIE - State Institute of Education) की स्थापना की गई।

राजस्थान में प्रो. आर.सी. मेहरोत्रा समिति की अभिशंसानुसार 'राज्य शिक्षा संस्थान' (SIE) की जगह 11 नवम्बर, 1978 को उदयपुर में SIERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान) की स्थापना की गई।

इसका वित्तीय प्रबंधन राजस्थान सरकार द्वारा किया जाता है।

मूल रूप में SCERT एक स्वतंत्र / स्वायत्तशासी संस्था थी, लेकिन जनवरी, 2002 से SCERT को प्राथमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधिकार क्षेत्र और नियंत्रण में स्थापित किया गया, लेकिन 14 अगस्त, 2018 से SCERT को पुनः स्वायत्तशासी संस्था का दर्जा दिया गया। अतः वर्तमान में यह एक स्वतंत्र/स्वायत्तशासी संस्था है। यह विद्यालयी क्षेत्र में अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के निर्धारण तथा क्रियान्वयन में शिक्षा मंत्रालय SSA एवं अन्य अभिकरणों को विशेषज्ञ सेवाएँ उपलब्ध करवाता है।

यह परिषद् निदेशालय प्रारम्भिक शिक्षा, बीकानेर तथा निदेशालय माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर के सहयोगी और शैक्षिक सलाहकार के रूप में कार्य करती है।

SCERT को आर्थिक सहायता MHRD (मानव संसाधन विकास मंत्रालय), राज्य सरकार और यूनिसेफ द्वारा दी जाती है। 

                                    RSCERT की भूमिका


1. RTE Act, 2009 की धारा 29 (A) के तहत इसे राज्य का सर्वोच्च अकादमिक प्राधिकरण माना गया है।

2. विद्यालयी शिक्षा एवं शिक्षक शिक्षा के शैक्षिक आयोजना क्रियान्वयन एवं मूल्यांकन के लिए सर्वोच्च अकादमिक संस्था है।

3. यह राज्य सरकार के शिक्षा मंत्रालय एवं शिक्षा निदेशालय के अकादमिक सलाहकार एवं मंत्रणात्मक अंग के रूप में कार्य करता है।

4. विद्यालय स्तर पर गुणात्मक सुधार के लिए यह संस्थान एवं नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।

5. यह संस्थान IASES, CIES, DIETS आदि संस्थानों को नेतृत्व, अकादमिक परामर्श एवं सम्बल प्रदान करता है।

                                   RSCERT के उद्देश्य 


1. विद्यालयी शिक्षा के गुणात्मक उन्नयन के लिए प्रतिबद्ध

2. शैक्षिक चुनौतियों के समाधान खोजने की दिशा में कार्यरत एक अग्रगामी संस्थान है।

                        RSCERT का संगठनात्मक स्वरूप/संरचना   

MHRD द्वारा जारी आदेश 27 फरवरी 2018 के अनुसार SIERT को 'राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्' (RSCERT) में पुनर्गठित किए जाने की समसंख्यात्मक पत्र 14 अगस्त, 2018 को स्वीकृति प्रदान की गई।

                                  RSCERT के विभाग

DIV:I  पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक, सामग्री निर्माण एवं मूल्यांकन प्रभाग

DIV:II  शैक्षिक अनुसंधान, सर्वेक्षण, आकलन एवं नीति परिप्रेक्ष्य प्रभाग

DIV: III  शिक्षक शिक्षा प्रभाग

DIV: IV  सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रभाग (आई.टी. भेल), अजमेर

DIV: V  सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक न्याय प्रभाग 

DIV: VI  प्रशासनिक एवं (अकादमिक आयोजना, प्रबन्धन एवं वित्त प्रभाग

प्रभाग

प्रभाग के कार्य

DIV:I

पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक, सामग्री निर्माण एवं मूल्यांकन प्रभाग

* पाठ्यचर्या एवं पाठ्यक्रम - राज्य के संदर्भ में पाठ्यचर्या की रूपरेखा (State Curriculum Framework) विकसित करना, पाठ्यचर्या के अनुरूप एवं कक्षावार पाठ्यक्रम (Syllabus) तैयार करना।

पाठ्यपुस्तक- पाठ्यक्रम के आधार पर कक्षावार एवं विषयवार पाठ्यपुस्तकें तथा संबंधित अधिगम सामग्री तैयार करना, वर्तमान में चल रहे पाठ्यचर्या, पाठ्यक्रम, पाठ्य पुस्तकों की समीक्षा।

* गुणात्मक शिक्षा- एसआईक्यूई, सीसीई, सीसीपी,फॉर्मेटिव-समेटिव असेसमेंट के टूल्स विकसित करना। आयु अनुरूप प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए शिक्षण- अधिगम सामग्री विकसित करना। 

* भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव-विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, भाषा विज्ञान-किट विकसित करना, साथ ही इनकी प्रयोगशालाएँ विकसित करना। विज्ञान मेला आयोजन।

ईसीसीई- अर्ली चाइल्डहुड केयर एण्ड एजुकेशन की पाठ्यचर्या एवं संबंधित शिक्षण अधिगम सामग्री विकसित करना।

* मूल्यांकन- कक्षावार एवं विषयवार मूल्यांकन के लिए ब्लूप्रिन्ट निर्माण करते हुए नमूने के प्रश्न-पत्र तथा परीक्षा हेतु प्रश्न-पत्र विकसित करना। नमूने के प्रश्न-पत्रों का प्रकाशन-ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन ।

DIV:II

शैक्षिक अनुसंधान, सर्वेक्षण, आकलन एवं नीति परिप्रेक्ष्य प्रभाग

* शोध- शोध हेतु दिशा-निर्देश एवं संबंधित सामग्री तैयार करना। राज्यस्तरीय शोध की कार्य योजना बनाकर संपादित करना तथा प्राप्त परिणामों से नीति परिप्रेक्ष्य में सुझावात्मक दस्तावेज (Suggestive Document) तैयार करना।

* डाइट, सीटीई, IASE द्वारा किये जा रहे शोध कार्यों का रिव्यू करना, साथ ही उन्हें संबलन प्रदान करना। राज्य शोध परामर्शक समिति की बैठकें आयोजित करना। रिसर्च रिपोर्ट्स का प्रकाशन-ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन करना।

* सर्वेक्षण - राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर के सर्वे कार्ययोजना व दिशा-निर्देश तैयार कर संपादित करना। सर्वेक्षण परिणामों को फीडबैक के रूप में राज्य के प्रत्येक विद्यालय तथा शिक्षक तक ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन पहुँचाना। 

* स्टडीज - समसामयिक शैक्षिक विषयों पर पहल करते हुए स्टडीज की कार्य-योजना तैयार करना एवं स्टडीज को परिषद् की फैकल्टीज अथवा सहयोगी संस्थाओं की सहायता से संपादित करना। परिणाम प्रकाशन- ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन। 

* परीक्षा आयोजन - एन.एम.एम.एस. परीक्षा की कार्ययोजना, दिशा-निर्देश, समय सारिणी बनाना एवं आयोजन संबंधी समस्त कार्य। किसी अन्य परीक्षा का दायित्व मिलने पर उसका आयोजन। •

नीति परिप्रेक्ष्य- शोधकार्य सर्वेक्षण, स्टडी के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर नीति-परिप्रेक्ष्य में सुझाव सक्षम स्तर तक सुझावात्मक दस्तावेज (Suggestive Document) के जरिये पहुँचाना। (ΝΕΡ 2020)

DIV: III

शिक्षक शिक्षा प्रभाग

 

सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण- डी.एल.एड हेतु पाठ्यचर्या पाठ्यक्रम एवं अधिगम सामग्री विकसित करना एवं रिव्यू करना। सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण के कार्यक्रमों की योजना बनाकर उन्हें सम्पादित करना।

* सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण- समस्त प्रकार के सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन, क्षमता संवर्द्धन कार्य, ऑनलाइन निष्ठा एवं दीक्षा एवं ऑफलाइन शिक्षक प्रशिक्षणों का कार्ययोजना निर्माण से फीडबैक तक का संपूर्ण कार्य करना।

  संस्था प्रधान, पीईईओ, सीबीईओ, डीईओ स्तर के शिक्षा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण एवं क्षमता संवर्द्धन मॉड्यूल विकसित करना तथा इसके अनुरूप समय सारिणी बनाकर ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करना।

* IASE, CTE, DIET, BITE का क्षमता संवर्द्धन- इन संस्थाओं में आयोजित शैक्षिक कार्यक्रमों में क्षमता संवर्द्धन का कार्य करना। इन संस्थाओं की फैकल्टी हेतु प्रशिक्षण आयोजित करना एवं इन संस्थाओं के वार्षिक पंचांग का निर्माण करना।

* इन संस्थाओं में संचालित अकादमिक कार्यों के बजट जारी करवाना, कार्यक्रमों के संपादन की अद्यतन स्थिति की मॉनिटरिंग एवं कार्यक्रम की रिपोर्ट मय उपयोगिता प्रमाण-पत्र संकलित कर प्रेषित करना।

DIV: IV

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रभाग (आई.टी. भेल), अजमेर

 

* ई-कन्टेन्ट निर्माण- कक्षा 1 से 12 के लिए विषयवार ई-लर्निंग कन्टेन्ट विकसित करना।

* कम्प्यूटर शिक्षा-कम्प्यूटर दक्षताओं के लिए अधिकारियों; शिक्षकों, मंत्रालयिक कार्मिकों तथा विद्यार्थियों के लिए- प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित कर तदनुसार ऑनलाइन / ऑफलाइन प्रशिक्षण आयोजित करवाना।

* प्रसारण- ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेडियो, टीवी, यू-ट्यूब, मोबाइल फोन एप्स, एज्यूसेट, डी.एल. एस. आर. आदि के माध्यम से प्रसारण हेतु कन्टेन्ट तैयार करने की कार्ययोजना बनाना एवं तद्‌नुसार शैक्षिक पाठों का प्रसारण करना।

* विविध- विद्यार्थियों/शिक्षकों के लिए शिक्षा तकनीकी आधारित विभिन्न नवाचारों की कार्ययोजना निर्धारित कर समयसारिणी के अनुरूप विकसित करना। इस पर सतत् एवं व्यापक कार्य संपादित करना।

* स्टूडियो व कम्प्यूटर लैब - परिषद् में स्थापित स्टूडियो एवं कम्प्यूटर लैब का प्रभार तथा इनकी उपयोगिता हेतु कार्य योजना बनाना। समस्त प्रभागों के साथ समन्वय रखते हुए इनका अधिकाधिक उपयोग सुनिश्चित करना।

* दीक्षा राइज का संचालन।

DIV: V

सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक न्याय प्रभाग 

* सी.डब्ल्यू.एस.एन.- समावेशी शिक्षा हेतु क्षमता संवर्द्धन कार्यक्रमों की योजना बनाना तथा क्रियान्वयन करना।

* कला शिक्षा- कलांगन का सौंदर्याकरण, नवीन सृजन एवं प्रदर्शन, कला शिक्षा में गुणात्मक सुधार।

* जनसंख्या शिक्षा कार्यक्रम- एन.पी.ई.पी. के अन्तर्गत सामग्री निर्माण, क्विज बैंक निर्माण, एडवोकेसी व शोधकार्य।

* स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा- पाठ्यक्रम निर्माण, पाठ्यपुस्तक लेखन, प्रशिक्षण मॉड्यूल एवं संदर्शिका निर्माण

* बालिका शिक्षा- बालिका शिक्षा सशक्तीकरण प्रशिक्षण हेतु नवाचारी कार्यक्रम विकसित करना।

* अनु. जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक- बाहुल्य क्षेत्रों के शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण मॉड्यूल बनाना एवं प्रशिक्षण भायोजन।

DIV: VI

प्रशासनिक एवं (अकादमिक आयोजना, प्रबन्धन एवं वित्त प्रभाग

 

* संस्थापन- जी.सी.ई.सी. पी.ए.सी. जैसी विभिन्न समितियों की बैठकों का आयोजन करना।

* संपदा एवं हॉस्टल- उदयपुर, अजमेर छात्रावास सहित एस.सी.ई.आर.टी. के भवन निर्माण और रख-रखाव का कार्य सम्पादित करना।

* आयोजना, प्रबन्ध एवं वित्त ।

* सामान्य प्रशासन

*विविध

* एस.सी.ई.आर.टी. के लिए पाँच साल की शैक्षणिक योजना विकसित करना। PR एवं संदर्शिका तैयार करना।

* सामान्य प्रशासन, विधि, आर.टी.आई., सम्पर्क पोर्टल, निविदाएँ, दस्तावेजीकरण आदि से संबंधित कार्य।

* सभी बजटीय अनुमोदनों का प्रबन्धन व ट्रैनिंग के दौरान टीए/डीए का प्रबन्धन करना।

* संकाय की निविदाएँ और दस्तावेजीकरण की योजना व निष्पादन का कार्य करना।

* समस्त प्रभागों द्वारा आयोजित ऑनलाइन वीसी की योजना, प्रबन्धन एवं पर्यवेक्षण/समीक्षा करना।

* समस्त प्रभागों में आपसी समन्वय स्थापित करना एवं समसा, निदेशालय प्राशि, निदेशालय मा.शि., आर.एस.टी.बी. के साथ कार्य करना, सूचना सम्प्रेषण करना एवं MOE. NCERT के निर्देशानुसार विभिन्न कार्य सम्पादित करना।


                    S.I.E.R.T./R.S.C.E.R.T. के कार्य 


1. सेवाकालीन प्रशिक्षण देना :-

राज्य में RSCERT शिक्षा प्रशिक्षणों के संबंध में 'सर्वोच्च अकादमिक संस्थान' है।

प्रशिक्षण मॉड्यूल निर्माण व शिक्षकों हेतु प्रशिक्षण सामग्री का निर्माण करता है। यहाँ मुख्य संदर्भ व्यक्ति (केआरपी) तथा मास्टर ट्रेनर, शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शिक्षा), प्रधानाचार्य तथा शिक्षकों को नवाचारों से संबंधित केवल सेवाकालीन प्रशिक्षण दिया जाता है। प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षकों का व्यावसायिक विकास करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है।

(i) शिक्षा प्रशासनिक अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट प्राचार्य व उपप्राचार्य, प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शिक्षा), ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षाधिकारी/अतिरिक्त मुख्य खण्ड शिक्षा अधिकारी, आन्तरिक जिला शिक्षाधिकारी।

(ii) अकादमिक अधिकारी व्याख्याता, शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी।

(iii) विविध- अध्यापकों का प्रशिक्षण व कनिष्ठ लिपिकों का प्रशिक्षण।

(iv) विशिष्ट योजनान्तर्गत शिक्षक प्रशिक्षण आँगनवाडी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण।

2. सामग्री निर्माण :-

शिक्षाक्रम एवं पाठ्यपुस्तक निर्माण-

(i) कक्षा 1 से 12 तक एनसीएफ-2005 आधारित पाठ्यपुस्तकों का निर्माण एवं हमारा राजस्थान पुस्तकों की रचना।

(ii) दक्षता आधारित शिक्षाक्रम (पूर्व प्राथमिक शिक्षा) का निर्माण।

(iii) सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण का शिक्षाक्रम (Del.Ed.) एवं पठन सामग्री निर्माण।

शिक्षण अधिगम सामग्री निर्माण-

(i) विषयानुसार (उ.मा./मा.वि./प्रा.वि./पूर्व प्रा.वि. हेतु)
(ii) प्रशिक्षण मॉड्यूल निर्माण
(iii) वीडियो कैसेट निर्माण
(iv) ऑडियो कैसेट निर्माण
(v) चार्ट्स, पोस्टर एवं फोल्डर्स निर्माण
(vi) बाल साहित्य रचना
(vii) प्रश्न कोष निर्माण

पत्रिका-

(i) निर्देशन सेवा
(ii) जनसंख्या शिक्षा संदेश

3. शोध एवं सर्वे करना :-

(i) राज्य स्तर के शोध कार्य।
(ii) मण्डल स्तर के शोध कार्य
(iii) संस्थान स्तर के शोथ कार्य।
(iv) संस्थान द्वारा आयोजित शैक्षिक कार्यक्रमों का क्षेत्र में प्रभाव का अध्ययन। 
(v) जिला शिक्षा अनुसंधान वाक् पीठ (डर्फ) के शोथ कार्यक्रमों में सहायता ।
(vi) एसएसए द्वारा प्रदत्त शोथ। 
(vii) एनसीईआरटी द्वारा प्रदत्त सर्वेक्षण 

- नेशनल अचीवमेंट सर्वेक्षण (NAS) - 2017, 2021

4. प्रकाशन एवं प्रसार कार्य :-

प्रकाशन - साहित्य सामग्री, श्रव्य दृश्य सामग्री।

प्रसार- मुद्रित एवं निर्मित सामग्री का प्रचार एवं प्रसार करना। विज्ञान मेला, जीवन कौशल मेला, करियर डे सेमिनार, विश्व जनसंख्या दिवस आदि।

5. अन्य कार्य :-

* केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित योजनाओं को लागू करना। 
*अकादमिक सहयोग एवं परामर्श देना।
* परीक्षा पद्धति में सुधार तथा जाँच उपकरणों का विकास करना।

                                          RSCERT की भूमिका 

1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के परिप्रेक्ष्य में -

Leadership- राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार राज्य में शिक्षा से संबंधित मानकों तथा पाठ्यक्रम सहित एकेडमिक मामलों का नेतृत्व RSCERT द्वारा किया जाएगा।

SQAAF- RSCERT के सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन और प्रत्यायन फ्रेमवर्क (SQAAF- School Quality Assessment and Accerditation Framework) विकसित करना।

Change Management Process -  CRC, BRC तथा DIET को नया जीवन प्रदान करने के लिए RSCERT 'परिवर्तन का प्रबंधन प्रक्रिया' (Change Management Process)' का नेतृत्व करेगा तथा आगामी तीन वर्षों में उपर्युक्त तीनों संस्थाओं की क्षमताओं व कार्य संस्कृति में परिवर्तन करेगा।

2. SIQE कार्यक्रम के तहत भूमिका एवं जिम्मेदारी -

(1) डाइट्स की भागीदारी को सुनिश्चित करना तथा कार्यक्रम गतिविधियों को लागू करने में उनका क्षमता संवर्द्धन करना।
(2) प्रभावी कार्यक्रमों को लागू करने संबंधी तकनीकी सहायता प्रदान करना।
(3) अकादमिक निवेश की नियमित समीक्षा।

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