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हिंदी साहित्य इतिहास संबंधी प्रमुख ग्रंथ एवं ग्रंथकार || हिंदी साहित्य का इतिहास || UP TGT-PGT, NET/JRF, MP TET, बिहार PGT, झारखंड PGT, RPSC स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक हिंदी के लिए महत्त्वपूर्ण

हिंदी साहित्य इतिहास संबंधी प्रमुख ग्रंथ एवं ग्रंथकार - क्रमानुसार

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* उदयनारायण तिवारी कृत 'हिंदी भाषा का उद्भव और विकास' तथा डॉ. भगीरथ मिश्र कृत 'हिंदी काव्यशास्त्र का इतिहास' उल्लेख्य ग्रंथ हैं।

इस पोस्ट के माध्यम से हम इसकी सम्पूर्ण जानकारी के बारे मे चर्चा करेंगे और हम इसके प्रमुख ग्रंथ एवं ग्रंथकार के बारे मे विस्तार से  चर्चा करेंगे 

* रामनरेश त्रिपाठी ने 'कविता-कौमुदी' (1928 ई.) के 8 भागों में हिंदी, उर्दू, बांग्ला और संस्कृत की कविताओं तथा लोकगीतों का संकलन-संपादन किया था।

* 'तजकिरा-ई-शुअरा ई-हिंदी' को अंग्रेजी में उर्दू कवियों का इतिहास और उर्दू में हिंदी शायरी का तजकिरा कहा गया है।

* 'पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी' हिंदी साहित्येतिहास को आलोचनात्मक ढंग से समझाने के लिये प्रसिद्ध हैं।

* 'हिंदी के मुसलमान कवि' नामक साहित्येतिहास ग्रंथ गंगाप्रसाद सिंह का है।

* 'ब्रजमाधुरी सार' के संपादन की प्रेरणा वियोगी हरि को पंडित राधाचरण गोस्वामी से मिली।

* माताप्रसाद गुप्त का 'हिंदी पुस्तक साहित्य' नामक ग्रंथ आधुनिक साहित्य का 'बीजक' कहलाता है।

* एफ. ई. के. ने 'ए हिस्ट्री ऑफ हिंदी लिटरेचर' में हिंदी साहित्येतिहास को चार कालों में बाँटा है।

* एफ. ई. के. ने हिंदी की शैशवावस्था के वृत्तों का वर्णन करने के बाद काल विभाजन का आधार हिंदी साहित्य के महत्त्वपूर्ण आंदोलनों को बनाया।


प्रमुख ग्रंथ ग्रंथकार
प्रमुख ग्रंथइस्तवार द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ए ऐन्दुस्तानी (1839) ग्रंथकारगार्सा द तासी
प्रमुख ग्रंथतजकिरा-ई-शुअरा-ई-हिंदी/तबकाश्शुअरा (1848) ग्रंथकारमौलवी करीमुद्दीन
प्रमुख ग्रंथभाषा काव्य संग्रह (1873) ग्रंथकारमहेशदत्त शुक्ल
प्रमुख ग्रंथशिवसिंह सरोज (1883) ग्रंथकारशिवसिंह सेंगर
प्रमुख ग्रंथद मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ नॉर्दर्न हिंदुस्तान (1888) ग्रंथकारजॉर्ज ग्रियर्सन
प्रमुख ग्रंथहिंदी कोविद रत्नमाला (दो भाग- 1909 , 1914) ग्रंथकारश्यामसुंदर दास
प्रमुख ग्रंथमिश्रबंधु विनोद (1913) ग्रंथकारमिश्रबंधु
प्रमुख ग्रंथए स्केच ऑफ हिंदी लिटरेचर (1917) ग्रंथकारएडविन ग्रीव्स
प्रमुख ग्रंथए हिस्ट्री ऑफ हिंदी लिटरेचर (1920) ग्रंथकारएफ. ई. के.
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य विमर्श (1923) ग्रंथकारपदुमलाल पुन्नालाल बख्शी
प्रमुख ग्रंथब्रजमाधुरी सार (1923) ग्रंथकारवियोगी हरि
प्रमुख ग्रंथहिंदी भाषा का विकास (1924) ग्रंथकारश्यामसुंदर दास
प्रमुख ग्रंथसुकवि सरोज (1927) ग्रंथकारगौरीशंकर द्विवेदी
प्रमुख ग्रंथकविता-कौमुदी (1928) ग्रंथकाररामनरेश त्रिपाठी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का इतिहास (1929) ग्रंथकाररामचंद्र शुक्ल
प्रमुख ग्रंथहिंदी भाषा एवं साहित्य (1930) ग्रंथकारश्यामसुंदर दास
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास (1930) ग्रंथकारसूर्यकांत शास्त्री
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का इतिहास (1931) ग्रंथकाररमाशंकर शुक्ल 'रसाल'
प्रमुख ग्रंथहिंदी भाषा और उसके साहित्य का विकास (1931) ग्रंथकारअयोध्यासिंह 'हरिऔध' उपाध्याय
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास (1931) ग्रंथकारनंददुलारे वाजपेयी (संकलन कार) मूल लेखक - (श्यामसुंदर दास)
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का इतिहास (1932) ग्रंथकारब्रजरत्न दास
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य (1933) ग्रंथकारसं. डॉ. धीरेंद्र वर्मा
प्रमुख ग्रंथआधुनिक हिंदी साहित्य का इतिहास (1934) ग्रंथकारकृष्णशंकर शुक्ल
प्रमुख ग्रंथसाहित्य की झाँकी (1936) ग्रंथकारगौरीशंकर सत्येन्द्र
प्रमुख ग्रंथपुरातत्व निबंधावली (1939) ग्रंथकारराहुल सांकृत्यायन
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का सुबोध इतिहास (1937) ग्रंथकारगुलाबराय
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास (1938) ग्रंथकारगोपाललाल खन्ना
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास (1938) ग्रंथकारडॉ. रामकुमार वर्मा
प्रमुख ग्रंथराजस्थानी साहित्य की रूपरेखा (1939) ग्रंथकारमोतीलाल मेनारिया
प्रमुख ग्रंथमॉडर्न हिंदी लिटरेचर (1939) ग्रंथकारडॉ. इंद्रनाथ मदान
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य की भूमिका (1940) ग्रंथकारहजारीप्रसाद द्विवेदी
प्रमुख ग्रंथखड़ी बोली हिंदी साहित्य का इतिहास (1941) ग्रंथकारब्रजरत्नदास
प्रमुख ग्रंथआधुनिक हिंदी साहित्य (1941) ग्रंथकारडॉ. लक्ष्मीसागर वाष्र्णेय
प्रमुख ग्रंथआधुनिक हिंदी साहित्य का विकास (1942) ग्रंथकारडॉ. कृष्णलाल
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य : बीसवीं शताब्दी (1942) ग्रंथकारनंददुलारे वाजपेयी
प्रमुख ग्रंथहिंदी काव्यधारा (1944) ग्रंथकारराहुल सांकृत्यायन
प्रमुख ग्रंथहिंदी वीरकाव्य (1945) ग्रंथकारडॉ. टीकम सिंह तोमर
प्रमुख ग्रंथरीतिकाव्य की भूमिका (1949) ग्रंथकारडॉ. नगेंद्र
प्रमुख ग्रंथआधुनिक हिंदी साहित्य (1950) ग्रंथकारनंददुलारे वाजपेयी
प्रमुख ग्रंथउत्तरी भारत की संत परंपरा (1951) ग्रंथकारपरशुराम चतुर्वेदी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का आदिकाल (1952) ग्रंथकारहजारीप्रसाद द्विवेदी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्यः उदभव और विकास (1952) ग्रंथकारहजारीप्रसाद द्विवेदी
प्रमुख ग्रंथहिन्दी साहित्य का अतीत (1960) ग्रंथकारविश्वनाथ प्रसाद मिश्र
प्रमुख ग्रंथसाहित्य का इतिहास-दर्शन (1960) ग्रंथकारनलिन विलोचन शर्मा
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का वृहद् इतिहास (16 भाग) (1961) ग्रंथकारनागरी प्रचारिणी सभा
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास (1965) ग्रंथकारडॉ. गणपतिचंद्र गुप्त
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का इतिहास (1973) ग्रंथकारसं. डॉ. नगेंद्र, डॉ. हरदयाल
प्रमुख ग्रंथआधुनिक हिंदी का आदिकाल (1973) ग्रंथकारनारायण चतुर्वेदी
प्रमुख ग्रंथसाहित्य एवं इतिहास दृष्टि (1981) ग्रंथकारमैनेजर पाण्डेय
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का सरल इतिहास (1985) ग्रंथकारविश्वनाथ त्रिपाठी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य और संवेदना का विकास (1986) ग्रंथकाररामस्वरूप चतुर्वेदी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का समीक्षात्मक इतिहास (1993) ग्रंथकारप्रो. वासुदेव सिंह
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास (1996) ग्रंथकारबच्चन सिंह
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का आधा इतिहास (2003) ग्रंथकारसुमन राजे
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का मौखिक इतिहास (2004) ग्रंथकारसं. नीलाभ
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का विवेचनपरक इतिहास (2008) ग्रंथकारमोहन अवस्थी
प्रमुख ग्रंथहिंदी साहित्य का परिचयात्मक इतिहास (2010) ग्रंथकारभगीरथ मिश्र


             साहित्येतिहास संबंधी अन्य उल्लेख्य ग्रंथ 

* राजस्थानी भाषा और साहित्य - (डॉ. मोतीलाल मेनारिया)

* राजस्थान का पिंगल साहित्य - (डॉ. मोतीलाल मेनारिया)

* राजस्थानी साहित्य की रूपरेखा - (डॉ. मोतीलाल मेनारिया)

* चैतन्य मत और ब्रज साहित्य - (प्रभुदयाल मीतल)

* राधावल्लभ संप्रदायः सिद्धांत और साहित्य - (डॉ. विजयेन्द्र स्नातक)

* पंजाब प्रांतीय हिंदी साहित्य का इतिहास - (चंद्रकांत बाली)

* आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के विषय में - डॉ. गणपतिचंद्र गुप्त ने लिखा:-  "वस्तुतः वे पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने आचार्य शुक्ल की अनेक धारणाओं और स्थापनाओं को चुनौती देते हुए उन्हें सबल प्रमाणों के आधार पर खंडित किया। निश्चय ही आचार्य द्विवेदी हिंदी के सबसे अधिक सशक्त इतिहासकार रहे हैं।" 

* हिंदी के साहित्येतिहास-लेखन के संदर्भ में नलिन विलोचन शर्मा के निम्नलिखित मत स्मरणीय हैं-

"हिंदी साहित्य का पहला इतिहास लेखक गार्सा द तासी था, यह निर्विवाद है।"

* "हिंदी के विधेयवादी साहित्येतिहास के आदम प्रवर्तक शुक्ल जी नहीं, प्रत्युत ग्रियर्सन हैं।"


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