राजस्थान अवस्थिति, विस्तार, आकृति व आकार || राजस्थान भूगोल || RPSC & RSSMB ALL Competition Exam G.K.
राजस्थान : अवस्थिति, विस्तार, आकृति व आकार
राजस्थान के भौगोलिक स्वरूप के अध्ययन से पूर्व राजस्थान के बारे में सामान्य जानकारियां यथा- राजस्थान की स्थिति, विस्तार, आकृति, सीमायें, क्षेत्रफल, जिले तथा पड़ोसी राज्यों की स्थिति के बारे में जानना अत्यन्त आवश्यक है। इसी क्रम में हम राजस्थान के सामान्य परिचय के रूप में उपरोक्त बिन्दुओं का अध्ययन करेंगे।
- राजस्थान के नामकरण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- राजस्थान : अवस्थिति एवं विस्तार
- राजस्थान : आकृति एवं आकार
- राजस्थान के विभिन्न जिलों की आकृति
- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (रेडक्लिफ रेखा) सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाने वाले जिले
- राजस्थान के संभाग एवं जिले
राजस्थान के नामकरण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
राजस्थान प्रदेश को अलग-अलग कालखण्डों में भिन्न-भिन्न
नामों से जाना जाता रहा है: - इसे ऋग्वेद में 'ब्रह्मावर्त' के नाम से तथा रामायण काल मे 'मरूकान्तर' कहा गया है। 'राजस्थान' शब्द का लिखित
उल्लेख सबसे पहले बसंतगढ़ शिलालेख (सिरोही) में मिलता है जिसमें 'राजस्थानाया दित्य' शब्द का प्रयोग
किया गया है। 'मुहणौत नैणसी री ख्यात' नामक पुस्तक, पहली पुस्तक है। जिसमें 'राजस्थान' शब्द का उल्लेख मिलता है। मरूस्थलीय इलाका होने के कारण यह प्रदेश मरू/मरूदेश/
मरूप्रदेश के नाम से भी जाना जाता रहा है। सर्वप्रथम इस प्रदेश के लिए 'राजपूताना' शब्द का प्रयोग
जॉर्ज थॉमस ने किया था। 'राजस्थान' शब्द का प्रयोग इस
भू-भाग के लिए सर्वप्रथम कर्नल जेम्स टॉड ने अपनी पुस्तक 'द एनाल्स एण्ड एंटिक्विटिज ऑफ राजस्थान' (दूसरा नाम 'सेंट्रल एंड
वेस्टर्न राजपूत स्टेट ऑफ इंण्डिया') में किया। जिसका
प्रकाशन 1829 ई. में हुआ था। कर्नल जेम्स टॉड ने पुरानी बहियों के आधार पर इस प्रदेश
को रजवाड़ा/रायथान नाम भी दिया था। राजस्थान के एकीकरण के दौरान 25 मार्च, 1948 को दूसरे चरण में
पहली बार 'राजस्थान' शब्द जुड़ा। एकीकरण के दौरान 30 मार्च, 1949 को वृहत्त राजस्थान संघ में अधिकांशः रियासतों के विलय हो
जाने के कारण 30 मार्च को राजस्थान दिवस के रूप में मनाते है। भारत सरकार द्वारा इस क्षेत्र के लिए राजस्थान नाम को
संवैधानिक मान्यता 26
जनवरी, 1950 को मिली। राजस्थान का वर्तमान स्वरूप 1 नवम्बर, 1956 में अस्तित्व में
आया। |
राजस्थान : अवस्थिति एवं विस्तार
* राजस्थान, भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है।
* राजस्थान की ग्लोब मे स्थिति, अक्षांशीय दृष्टि से उत्तरी गोलार्द्ध तथा देशान्तरीय दृष्टि से पूर्वी गोलार्द्ध में है अर्थात राजस्थान की स्थिति उत्तरी पूर्वी है।
* राजस्थान की भौगोलिक स्थिति -
23 deg 3' उ.अ. से 30 deg 12' उत्तरी अक्षांश तक
69 deg 30' पू.दे. से 78 deg 17' पूर्वी देशान्तर तक
* इस प्रकार राजस्थान का विस्तार (फैलाव) 7 deg 9' अक्षांशों तथा 8°47' देशान्तरों में है।
राजस्थान का देशान्तरीय विस्तार 8 deg * 47' देशान्तरों
में होने के कारण राजस्थान के सबसे पूर्वी स्थान (सिलावट गांव) एवं सबसे पश्चिमी
स्थान (कटरा गांव) के सूर्योदय में लगभग 36 मिनट (35 मिनट 8
सैकण्ड) का अन्तर रहता है। |
राजस्थान के अंतिम बिन्दु -
उत्तरी बिन्दु - कोणा गाँव, गंगानगर 30 deg 12' |
दक्षिणी बिन्दु - बोरकुण्ड गाँव, बांसवाड़ा 23 deg 3' N
पूर्वी बिन्दु - सिलावट गाँव, राजाखेड़ा (धौलपुर) 78 deg 17' E
पश्चिमी बिन्दु - कटरा गाँव (जैसलमेर) 69 deg 30' E
* राजस्थान के उत्तरी-दक्षिणी तथा पूर्वी-पश्चिमी बिन्दूओं को मिलाने वाली रेखाऐं नागौर जिले में प्रतिच्छेद करती है। इस प्रकार नागौर राज्य का मध्यवर्ती जिला है तथा मध्यवर्ती गांव मेड़ता तहसील का लाम्पोलाई है। (सेटेलाइट सर्वे के अनुसार राजस्थान का मध्यवर्ती गांव गंगराना, नागौर है।)
* 26 deg 34' (लगभग 27°) उत्तरी अक्षांश रेखा राजस्थान की मध्यवर्ती अक्षांश रेखा है जो जैसलमेर, फलौदी, नागौर, डीडवाना-कुचामन, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, भरतपुर से गुजरती है।
* 74 deg पूर्वी देशान्तर रेखा राजस्थान की मध्यवर्ती देशान्तर रेखा है
जो गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, नागौर, ब्यावर, राजसमंद,
उदयपुर, सलूम्बर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा से गुजरती है।
* 70 deg पूर्वी देशान्तर रेखा पर स्थित जिला है जैसलमेर
* राजस्थान में सिलावट (धौलपुर) में सर्वप्रथम सूर्योदय तथा सूर्यास्त होता है जबकि कटरा (जैसलमेर) में सबसे अन्त में सूर्योदय एवं सूर्यास्त होता हैं।
* कर्क रेखा राजस्थान के कुशलगढ़ (बांसवाड़ा) के मध्य से तथा डूंगरपुर जिले की दक्षिणी सीमा पर स्थित चिखली गांव से गुजरती है।
* कर्क रेखा की लम्बाई राजस्थान में 26 किमी है तथा लगभग सम्पूर्ण राजस्थान कर्क रेखा के उत्तर में स्थित है।
* कर्क रेखा से सबसे नजदीक शहर/जिला मुख्यालय - बांसवाड़ा
* कर्क रेखा से सबसे दूर शहर/जिला मुख्यालय - गंगानगर
* सूर्य की किरणों का सर्वाधिक सीधापन बांसवाड़ा में
* सूर्य की किरणों का सर्वाधिक तिरछापन- गंगानगर में
* कर्क रेखा को माही नदी दो बार काटती है।
* 21 जून को राजस्थान में सबसे लम्बा दिन व सबसे छोटी रात होती हैं।
* राजस्थान राज्य उपोष्ण कटिबंध (उष्ण व शीतोष्ण) में स्थित है। बांसवाड़ा जिले का अधिकांश भाग उष्ण कटिबंध में स्थित है।
* राजस्थान का क्षेत्रफल 342239 वर्ग कि.मी. अथवा 132140 वर्ग मील है। यह भारत के क्षेत्रफल का 10.41 प्रतिशत है तथा क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है।
* राजस्थान का क्षेत्रफल कांगो रिपब्लिक देश (3.42 लाख वर्ग कि.मी.) के क्षेत्रफल के बराबर है।
* कांगो रिपब्लिक के अलावा निम्न देशों का क्षेत्रफल भी राजस्थान के क्षेत्रफल के लगभग बराबर है -
पोलैंड (3.12 लाख वर्ग कि.मी.), वियतनाम (3.31 लाख वर्ग कि.मी.), फिनलैण्ड (3.37 लाख वर्ग कि.मी.), जर्मनी (3.57 लाख वर्ग कि.मी.), जापान (3.77 लाख वर्ग कि.मी.), नार्वे (3.85 वर्ग कि.मी.).
* राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से जापान से थोड़ा छोटा, इंग्लैण्ड से दुगुना, चेकोस्लोवाकिया से तीन गुणा, श्रीलंका से पांच गुणा, इजरायल से 17 गुणा बड़ा है।
* राजस्थान का आकार कर्नाटक व गुजरात से दो गुना, ओडिशा व तमिलनाडू से ढाई गुना, बिहार से 3 गुना, केरल से 5 गुना पंजाब व हरियाण से 7 गुना बड़ा है।
राजस्थान : आकृति एवं आकार
* राजस्थान की आकृति पतंगाकार/विषमकोणीय चतुर्भुज जैसी है। (सबसे पहले T.H. हेण्डले ने बतायी।)
* राजस्थान की उत्तर से दक्षिण तक लम्बाई 826 कि.मी. है तथा पूर्व से पश्चिम की ओर लम्बाई 869 कि.मी. है।
* इस प्रकार राजस्थान की उत्तर-दक्षिण एवं पूर्व पश्चिम - लम्बाई में अन्तर 43 कि.मी. का है।
* पूर्वी राजस्थान से पश्चिमी राजस्थान की ओर जिलों का क्षेत्रफल बढ़ता जाता है और जनसंख्या घटती जाती है।
* राज्य का सबसे बड़ा शहर जयपुर तथा सबसे छोटा शहर बोरखेड़ा (बांसवाड़ा) है।
राजस्थान के विभिन्न जिलों की आकृति
जिला |
आकार |
दौसा |
धनुषाकार |
टोंक |
अंग्रेजी के H अक्षर के समान |
चित्तौड़गढ़ |
घोड़े की नाल के समान/इल्ली के समान |
राजसमंद |
तिलक के समान |
जैसलमेर |
सप्तबहुभुजाकार/अनियमित बहुभुज के समान |
अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (रेडक्लिफ रेखा)
|
क्र.सं. |
दिशा |
पड़ौसी राज्य |
सीमा की लम्बाई |
विशेष विवरण |
1 |
उत्तर |
पंजाब |
89 कि.मी. |
न्यूनतम सीमा बनाने वाला राज्य |
2 |
उत्तर-पूर्व |
हरियाणा |
1262 कि.मी. |
|
3 |
पूर्व |
उत्तरप्रदेश |
877 कि.मी. |
|
4 |
दक्षिण-पूर्व |
मध्यप्रदेश |
1600 कि.मी. |
सर्वाधिक सीमा बनाने वाला राज्य |
5 |
दक्षिण-पश्चिम |
गुजरात |
1022 कि.मी. |
|
पंजाब = 2 जिले- श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ हरियाणा = 8 जिले - हनुमानगढ़, चूरू, झुंझुनूं, नीम का थाना,
कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, अलवर, डीग उत्तरप्रदेश = 3 जिले - डीग, भरतपुर, धौलपुर मध्यप्रदेश = 10 जिले - धौलपुर,
करौली, सवाईमाधोपुर, कोटा, बारां, झालावाड़ (सर्वाधिक सीमा 520 कि.मी.), भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़,
प्रतापगढ़, बांसवाड़ा गुजरात = 6 जिले - बाँसवाड़ा,
डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही,
सांचौर, बाड़मेर (न्यूनतम सीमा 14 कि.मी.) |
राजस्थान की सीमा को स्पर्श करने वाले 5 पड़ोसी राज्यों के 21 जिले निम्न है -
पंजाब = 2 जिले- फाजिल्का, मुक्तसर हरियाणा = 7 जिले सिरसा, फतेहबाद, हिसार, भिवानी, महेन्द्रगढ़, रेवाड़ी, मेवात उत्तरप्रदेश = 2 जिले - मथुरा, आगरा मध्यप्रदेश = 10 जिले – मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, आगर मालवा, नीमच, मन्दसौर, रतलाम, झाबुआ गुजरात = 6 जिले - दाहोद, महीसागर, अरावल्ली,साबरकांठा, बनासकांठा, कच्छ |
सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाने वाले जिले
राजस्थान के संभाग एवं जिले
नाम संभाग |
संभाग मे जिले |
विशेष |
उदयपुर |
5 जिले (उदयपुर, सलूम्बर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा) |
|
अजमेर |
7 जिले(अजमेर, ब्यावर, केकड़ी, टोंक, नागौर, डीडवाना-कुचामन, शाहपुरा) |
किसी भी प्रकार कि अंतर्राज्यीय व
अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं बनाने वाला संभाग। |
जयपुर |
7 जिले(जयपुर, जयपुर ग्रामीण, दौसा, अलवर, दूदू, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़) |
|
जोधपुर |
6 जिले (जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण, फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर, बालोतरा) |
सबसे लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाला
संभाग |
कोटा |
4 जिले (कोटा, बूँदी, बारां, झालावाड़) |
सर्वाधिक नदियों के प्रवाह वाला संभाग |
बीकानेर |
4 जिले (बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, अनूपगढ़) |
न्यूनतम नदियों के प्रवाह वाला संभाग |
भरतपुर |
6 जिले (भरतपुर, धौलपुर, करौली, डीग, गंगापुरसिटी, सवाईमाधोपुर) |
|
बाँसवाड़ा(New) |
3 जिले (बाँसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़) |
न्यूनतम जिलों वाला संभाग (3 जिले) |
पाली(New) |
4 जिले (पाली, जालौर, सांचौर, सिरोही) |
|
सीकर(New) |
4 जिले (सीकर, झुंझुनूं, नीम का थाना, चुरू) |
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