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राजस्थान की झीलें || खारे व मीठे पानी की झीलें || Rajasthan Lakes notes || raj Ras , Rpsc , Bstc ,

राजस्थान की झीलें -

राजस्थान की झीलें || खारे व मीठे पानी की झीलें || Rajasthan Lakes notes 

राजस्थान में परम्परागत जल संरक्षण विधियों में सर्वाधिक प्रचलित विधि झीलें हैं।

1. राजस्थान में मीठे पानी की प्राकृतिक झील 

(1) पुष्कर झील (अजमेर)

# उपनाम तीर्थराज तीर्थों का मामा, हिन्दुओं का पाँचवाँ तीर्थ।
# राजस्थान की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील है
# यह ज्वालामुखी किया द्वारा निर्मित क्रेटर / काल्डेरा झील का उदाहरण है।
# पुष्कर झील धार्मिक दृष्टि से सबसे पवित्र झील है।
# पुष्कर झील के किनारे 52 पाट स्थित हैं जिसमें जनाना घाट/गाँधी घाट सर्वाधिक प्रसिद्ध है।
# पुष्कर झील के पास ब्रह्माजी का मंदिर सावित्री जी का मन्दिर रमा बैकुंठेश्वर मंदिर भर्तृहरि की गुफा और कण्व मुनि का आश्रम है।
# पुष्कर झील के किनारे कार्तिक पूर्णिमा को विशाल मेला भरता है जिसे रंगीता मेला कार्तिक मेला या गुब्बारों का मेता कहते हैं।
राजस्थान की झीलें


(2.) नक्की झील (माउण्ट आबू सिरोही)-

# राजस्थान की सबसे ऊँची व सबसे गहरी झीत जो ज्यालामुखी क्रिया से निर्मित केटर झील का उदाहरण है।
# नक्की झील के टॉड रॉक नन रॉक नंदी रॉक व हॉर्न रॉक नामक चट्टानें हैं।
# नक्की झील के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण देवताओं ने नाखूनों से खोदकर किया था।
# नक्की झील को गरासिया जनजाति के लोग सबसे पवित्र स्थल मानते हैं।
# नक्की झील के किनारे रघुनाथ जी का मंदिर हाथी गुफा चम्पा गुफा राम झरोखा आदि स्थान है।

(3.) कोलायत झील (बीकानेर)-

# कपिलमुनि की तपोस्थती

# बारण जाति के लोग यहाँ दर्शन करने नहीं आते हैं।

# पीपल के वृक्षों की अधिकता के कारण इसे शुष्क मरुस्थल का सुन्दर मरु उद्यान कहते हैं।

(4.) गजनेर झील (बीकानेर)-

# राजस्थान की एकमात्र झील जी दर्पण के समान प्रतीत होती है।
# गजनेर झील के पास ही गजनेर अभयारण्य बना है जो कि बटवड़ पक्षी के लिए प्रसिद्ध है।

(5.) तलवाड़ा झील- हनुमानगढ़

(6.) तालछापर झील - चुरू 

(7.) नवलखा झील-बूँदी

(8.) दुगारी/कनक सागर झील - बूंदी 

(9.) गैव सागर झील - डूंगरपुर

(10.) मानसरोवर झील  -झालावाड

(11.) कोडिता झील  - झालावाड

(12.) पीथमपुरी - सीकर


2 राजस्थान की मीठे पानी की कृत्रिम झीले

(1) जयसमंद झील/डेवर झील (उदयपुर)-

# राजस्थान की सबसे बड़ी पीठे पानी की कृत्रिम झीत है।
# गोमती नदी पर स्थित है।
# इसका निर्माण मेवाड महाराणा अपसिंह ने 1685 1691ई करवाया था
# जयसमंद झील में 7 टापू है जिनमें सबसे बड़ा टापू - बाबा का मगरा/बाबा का भांगडा तथा सबसे छोटा टापू - पयारी है।
# जयसमंद झीत के पास रूठी रानी का महत चित्रित हवामहल हाथी की पाषाण मूर्ति है।
# जयसमंद झील से सिंचाई हेतु ष्यामपुर तथा भाट नामक दो नहरे निकाली गई हैं।

(2.) राजसमंद झील (राजसमंद)-

# राजसमंद झील का निर्माण महाराणा राजसिंह ने 1662 ई. में कांकरोली (नाथद्वारा) में गोमती ताल तथा केलवा नदियों के पानी को रोककर करवाया।
# देश की प्रथम झील जिसका निर्माण अकाल राहत के लिए किया गया है।
# घेवर माता द्वारा नींव रखी जाने के कारण राजसमंद झील के किनारे घेवर माता कर मंदिर है।
# राजसमंद झील के किनारे नौ चौकी की धाल पर विश्व की सबसे बड़ी प्रशस्ति (राज प्रमास्ति) 25 शिलालेखों पर संस्कृत भाषा में उत्कीर्ण हैं। 
# राज प्रशास्ति के लेखक रणजोड्दास भट्ट है।

(3.) पिछोला झील (उदयपुर)-

# पिछोला  झीत का निर्माण राणा लाखा के समय एक बंजारे द्वारा पिछोला गाँव (उदयपुर) में 14वीं शताब्दी के अंत में करवाया गया।
# पिछोला झील में सितारमा व बुझड़ा नदी का जल जाता है।
# इस झील के किनारे नटनी का चबूतरा स्थित है।
# पिछोला झील में दो महत बने हुए है।

(a) जग मंदिर महल -

# पिछोला झील में एक टापू पर बने जग  मंदिर महल को ताजमहल का पूर्वगामी कहा जाता है।
# इसका निर्माण महाराणा कर्णसिंह ने प्रारंभ करवाया था किन्तु इसका पूरा कार्य  
महाराणा जगतसिंह प्रथम ने करवाया था
# सन 1857 की क्रांति के दौरान महाराषा स्वरूप सिंह ने यहाँ अंग्रेजों को शरण दी थी।
# पिछोला झील राजस्थान की पहती झील है जहाँ सौर ऊर्जा संचालित नौका बताई जा रही है।

(b) जगनिवास महल- 

इस महल का निर्माण महाराणा जगतसिंह द्वितीय ने करवाया था।

(4.) फतेह सागर झील,( उदयपुर ) -

# इसका निर्माण महाराणा जयसिंह ने करवाया था
# महाराणा  फतेहसिंह द्वारा वर्ष 1878 में विकसित किया गया था। 
# फतेह सागर झील की नींव अंग्रेज अधिकारी ड्यूक ऑफ कनॉट द्वारा रखी गई इसलिए फतेह सागर पर बने बाँध का नाम कनॉट बाँध रखा गया है। 
# फतेह सागर के सबसे बड़े टापू पर नेहरू उद्यान दूसरे टापू पर सौर वैधशाला और सबसे छोटे टापू पर जेट माउण्टेन स्थित है।
# भारत की सबसे बड़ी सौर वेधशाला फतेहसागर झील में लगी है।
# फतेहसागर झील की पिछोता झील से स्वरूप सागर नहर जोड़ती है।

(5.) उदय सागर झील (उदयपुर)-

# इसका निर्माण महाराणा उदयसिंह ने 1559 ई में करवाया था।

# यह बेड़च नदी पर बनाया गया बाँध है।

(6.) आनासागर झील, (अजमेर) -

#आनासागर झील का निर्माण अजमेर के चौहान शासक राशन द्वारा 1137 ई) तुर्की सेना के रका में रंगी धरती को साफ करने हेतु करवाया 

# जहाँगीर ने आनासागर झील के किनारे दौलतबाग (सुभाष उद्यान) का निर्माण कराया था। 
# यहाँ पर जहाँगीर में टॉमस में से मुलाकात की थी। 
# शाहजहाँ ने आनासागर झील पर बारहदरी का निर्माण करवाया। (पूर्णत संगमरमर से बनी।

(7.) फॉय सागर झील (अजमेर) -

# फॉय  सागर झील का निर्माण काल राहत कार्य के दौरान 1891-92 ई. में अंग्रेज अधिकारी फॉप के निर्देशन में हुआ था।
# यह बाड़ी नदी पर स्थित है।

(8.) बालसमंद झील (जोधपुर) -

बालसमन्द झील का निर्माण गुर्जर प्रतिहार शासक बालक राय (बाऊक) ने करवाया था।

(9.) कायलाना झील  (जोधपुर)-

# इसका निर्माण काल 1872 ई. में हुआ था। 
# इसका निर्माण जोधपुर के महाराजा सर प्रताप सिंह ने अकाल राहत कार्य के दौरान करवाया था।

(10.) सिलीसेढ़ झील/नंदन कानन (अलवर) -

# सिलीसेढ़ झील का निर्माण अलवर के महाराजा विनय सिंह ने करवाया था।
# यह झील गोल्डन ट्रायर्गत (दिल्ली. आगरा, जयपुर) पर स्थित है।

(11.) जैत सागर -बूंदी

(12.) राम सागर - धौलपुर

(13.) तालाब शाही - धोंलपुर 

(14.) रोज सागर - प्रतापगढ़

(15.) मूल सागर - जैसलमेर

(16.) अमर सागर -  जैसलमेर

(17.) गजरूप सागर - जैसलमेर

(18.) गड़सीसर - जैसलमेर

(19.) पन्नाशाह तालाब 

3. राजस्थान की खारे पानी की झीले

उत्तर पक्षिम राजस्थान में मुख्य खारे पानी की झील पाई  जाती है जो कि गिरका अवशेष है।

(1) सांभर झील (जयपुर)-

# सांभर झील का निर्माण शाकम्भरी के बौहान मासक वासुदेव चौहान ने 551 ई. में करवाया था बिजोलियां शिलालेख से ज्ञात)
# सांभर झोत रामसर साइट (वर्ष 1990) की सूची में भी शामित है।
# साभर झील तीन जिलों में जयपुर नागौर एवं अजमेर में फैली हुई है।
# सांभर झील भारत में सबसे बड़ी आंतरिक नमक उत्पादक झील है।
# यह भारत के कुल नमक का 8.7% नमक उत्पादित करती है।
# सांभर झील में नमक बयार पद्धति से उत्पादित किया जाता है।
# सन 1960 में राजस्थान सरकार द्वारा सांभर सॉल्ट लिमिटेड की स्थापना की गई थी।
# वर्ष 1964 में यह भारत सरकार के अधीन आ गई और इसका नाम हिन्दुस्तान सांभर सॉल्ट लिमिटेड कर दिया गया।
# सांभर झील में उत्तरी एशिया से पक्षी आते हैं जिन्हें फ्लेमिंगों कहते हैं।
# सांभर झील की लम्बाई 32 किलोमीटर और चौड़ाई 17 किलोमीटर है।
# एशिया की सबसे बड़ी आंतरिक नमक उत्पादक झील है।
# इस झील में मंचना सारी खमता व रूपनगढ़ आदि नदियों का पानी आता है।

(2 ) डीडवाना (नागौर) -

# इस झील के नमक में सोडियम सल्फर ज्यादा पाया जाता है अत इस झील का नमक खाने योग्य नहीं होता है।
# इस झील का नमक बम उद्योग तथा रंगाई-पाई उद्योग में काम आता है।
# डीडवाना झीत में नमक बनाने की निजी संस्थाओं को देवत कहा जाता है
# डीडवाना झील में नमक उत्पादन हेतु वर्ष 1960 में राजस्थान स्टेट केमिकल्स वर्क्स की स्थापना की गई।

(3) पचपदरा झील (बाडमेर)-

# पंचपदरा झोत्र में नारदात जाति के लोग मोरडी झाड़ी की सहायता से नमक उपादन करते हैं।
# इस झील का नमक सर्वाधिक साने योग्य होता है क्योंकि इसमें Na 98% होता है और 25 आयोडीन पाया जाता है।

(4) कावोद झील (जैसलमेर)-

# प्राबीन काल की सर्वश्रेष्ठ नमक उत्पादक झील है।

v) लूणकरणसर झील (बीकानेर) -

# उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है।
# इस झील से कम मात्रा में नमक की प्राप्ति होती है।

(vi) डेगाना झील -नागौर

(vii) कुचामन झील -नागौर

(viii) रेवासा झीत- सीकर

(ix) काछोर झील - सीकर

(x) फलोदी झील - जोधपुर

प्रश्न 
Q.1 राजस्थान की मीठे पानी की झीले कोन - 2 सी हे ?

Q.2 राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील कोन सी हे ?

Q.3  डेगाना झील कहा स्थित हे  ?

Q.4 पिछोला  झीत का निर्माण किसने करवाया ?

Q. 5  राजस्थान सरकार द्वारा सांभर सॉल्ट लिमिटेड की स्थापना कब की ?


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