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छंद महत्वपूर्ण 50 प्रश्न || काव्यशास्त्र || UP LT GRADE, NET/JRF,MP, बिहार, झारखंड, DSSSB, KVS,EMRS TGT-PGT, RPSC ASS.PRO., स्कूल व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक हिंदी के लिए महत्त्वपूर्ण















1.

जब अर्थ का ग्रहण अभिधा से न हो किंतु उससे संबंद्ध हो तो 

अर्थग्रहण कराने वाली शब्द-शक्ति को कहेंगे ?

    ध्वनि

    लक्षणा

    अभिधा मूला

    व्यंजना

प्रिय पाठकों,........इस पोस्ट में हम हिंदी  काव्यशास्त्र     के महत्वपूर्ण प्रश्न  है।
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2.

लक्षणा शब्द शक्ति के कौन से भेद हैं?

    शाब्दी, आर्थी

    रूढ़ा , प्रयोजनवती

    प्रयोजनवती, व्यंजना

    अत्युक्ति, आर्थी

छंद मे गणों की संख्या कितनी होती है 

    2

    9

    5

    8

4.

जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित रहता है। शब्द शक्ति होती है? 

    प्रयोजनवती- लक्षणा

    रूढ़ि- लक्षणा

    उपादान-लक्षणा

    लक्षण-लक्षणा

5.

निम्नलिखित उक्तियों में व्यंजना शक्ति से संबंधित कौन सा कथन सही नहीं है?

    व्यंजना शब्द के मुख्यार्थ तथा लक्ष्यार्थ को पीछे छोड़ देती है।

    व्यंजना शब्द शक्ति से निष्पन्न अर्थ को व्यंग्यार्थ कहते हैं।

    व्यंजना शब्द शक्ति केवल शब्दों पर ही आधारित रहती है।

    व्यंग्यार्थ को ध्वन्यार्थ भी कहते हैं।

6.

"पयान पाय पखारि कै नाव चढ़ाइहौं, आयसु होत कहा है।

तुलसी सुनि केवट के वर बैन, हँसे प्रभु जानकि और हहा।।" 

इसमें कौनसी शब्द शक्ति है?

    लक्षण लक्षणा

    शाब्दी लक्षणा

    उपादान लक्षणा

    आर्थी लक्षणा

7.

जब मुख्य अर्थ की बाधा उत्पन्न होने पर सादृश्य संबंध के 

आधार पर अथवा समान रुप, गुण या धर्म के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण किया जाता है, 

तब वहाँ कौनसी शब्द शक्ति होती है?

    गौणी लक्षणा

    शाब्दी व्यंजना

    उपादान लक्षणा

    आर्थी व्यंजना

8.

शब्द-शक्ति के संबंध में असंगत कथन कौनसा है?

     जब वाच्यार्थ सर्वथा परित्यक्त नहीं होता, तब उपादान लक्षणा होती है।

    जब व्यंजन शब्द में हो तथा शब्द बदल देने से व्यंग्यार्थ नष्ट हो जाए तब शाब्दी व्यंजना होती है।

    जब व्यंजना शब्द और अर्थ दोनों में हो तब आर्थी व्यंजना होती है।

    जब लक्ष्यार्थ में वाच्यार्थ सम्मिलित नहीं होता तब लक्षण-लक्षणा शब्द शक्ति होती है।

9.

शब्द शक्ति कितने प्रकार की होती हैं :

    दो 

    पाँच 

    तीन 

    चार 

10.

निम्न मे अभिधा शब्द शक्ति के संबंध मे असत्य उदाहरण है 

    वह तोड़ती पत्थर। देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर।

    कनक कनक ते सौ गुनी, मादकता अधिकाय । वा खाये बोराय जग, वा पाये बोराय ।।

    तीन बेर खाती थी, वह तीन बेर खाती है।

    "आगि बड़वाग्नि ते बड़ी है आगि पेट की"

11.

निम्न मे लक्षणा शब्द  शक्ति के संबंध मे सत्य उदाहरण है 

    दृग उरझत टूटत कुटुम जुरत चतुर चित्त प्रीति ।

    परत गाँठ दुरजन हिये, दई नई यह रीति ।

    रेजा-रेजा भयो करेजो

    डिगत पानि डिगुलात गिरि, लखि सब ब्रज बेहाल ।

    कंप किसोरी दरस तें, खरे लजाने लाल ।।

    बाँधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से ।

    मणिवाले फणियों का क्यों भरा हुआ हीरों से?

    उपरोक्त सभी उदाहरण सही है 

12.

लक्षणा शब्द शक्ति के संबंध में असंगत कथन है?

    मुख्यार्थ में बाधा

     मुख्यार्थ और लक्ष्यार्थ का संबंध

    साक्षात् संकेतित अर्थ का प्रधानता पूर्वक उपयोग

    अन्यार्थ का गृहीत होना

13.

निम्न मे व्यंजना शब्द शक्ति के संबंध मे सत्य उदाहरण है 

    " संध्या हो गई।"

    चलती चाकी देख के दिया कबीरा रोय ।

    दो पाटन के बीच में साबुत बचा न कोय ।।

    रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून ।

    पानी गये न उबरे, मोती, मानुष चून ।।

    उपरोक्त सभी सही  है |

14.

किसे ‘शब्द की प्रथमा शक्ति ‘ कहा जाता है

    अभिधा को

    लक्षणा को

    व्यंजना को

    अलंकार को

15.

निम्नलिखित उदाहरणों में अभिधा शब्द शक्ति वाला विकल्प है? 

    प्रेमियों का प्रेम गीतातीत है, हार भी जिसमें परस्पर जीत है।

    लहरें व्योम चूमतीं उठती चपलाएँ असंख्य नचतीं।

    चारू चंद्र की चचंल किरणें, खेल रही हैं जल थल में।

    हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में

16.

शब्द शक्ति के आधार पर निम्न मे से कौनसा सुमेलित है ?

    वाच्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति- अभिधा

    लक्ष्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति - लक्षणा

    व्यंग्यार्थ पर आधारित शब्द शक्ति - व्यंजना

    उपर्युक्त सभी 

17.

आर्थी व्यंजना' शब्द-शक्ति का उदाहरण  है।

    मै सुकुमारी नाथ बन जोगू ।

    तुमहि उचित तप मो कहँ भोगू

    न्हाय पहरि पटुडटि कियौ बैंदि मिस परिनामु ।

    हग चलाय घर कौं चलि, बिदा किए घनश्यामु ।।

    कंटक काढ़त लाल के चंचल चाह निबाहि ।

    चरन खैचि लीनो तिया, हँसि झूठे करि आहि ।

    पावक झरते मेह झर, वाहक दुसह विसेखि

    देह देह वाके पास, याहि दूगन ही देखि ।।

    उपर्युक्त सभी 

18.

चिरजीवो जोरी जुरै क्यों न सनेह गंभीर।

को घटि ए वृषभानुजा वे हलधर के बीर।। इस पद में कौनसी शब्द शक्ति है?

     शाब्दी व्यंजना

    आर्थी व्यंजना

    उपादान लक्षणा

    रुढ़ि लक्षणा

19.

किस शब्द शक्ति की प्रतीति सबसे पहले हुआ करती थी?

    व्यंजना

     रूढा लक्षणा

    अभिधा

    लक्षणा

20.

अभिधा उत्तम काव्य है; मध्य लक्षणालीन

अधम व्यंजना रस-विरस, उलटी कहत नवीन - 

किस शब्द शक्ति के बारे मे परिचय देते हुए देव ने लिखा है ?

    अभिधा

    लक्षणा

    व्यंजना

    अभिधा , लक्षणा , व्यंजना

21.

लक्षणा शब्द शक्ति का सही उदाहरण है?

    झूमत मतवारों झमकि बनमाली रस रूप।

    आगि बड़वागि ते बड़ी है आगि पेट की।

    कर्णधार संभाल कर पतवार अपनी थामना।

    निरख सखी ये खंजन आए।

22.

इनमें से कौन सा कथन सही नहीं है?

    अभिधा शक्ति द्वारा केवल रूढ़ शब्दों का अर्थबोध होता है।

    मुख्यार्थ के बाधित होने पर ही लक्षणा कार्य करती है।

    व्यंजना शक्ति शब्द के मूल में छिपे हुए अकथित अर्थ को द्योतित करती है।

     व्यंजना शक्ति केवल शब्द पर ही नहीं अर्थ पर भी आधारित रहती है।

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23.

वह तोड़ती पत्थर। देखा उसे मैंने इलाहाबाद के पथ पर।' में कौन सी शब्द शक्ति है?

    लक्षणा

    रूढ़ा लक्षणा

    अभिधा

    व्यंजना

24.

शब्द के जिस व्यापार से मुख्य और लक्ष्य अर्थ से भिन्न अर्थ प्रतीत हो उसे .......... 

कहते हैं रिक्त स्थान की पूर्ति करे ?

    अभिधा

    लक्षणा

    व्यंजना

    इनमे से कोई नहीं 

25.

मुख्यार्थबाधे तद्योगे रूढ़ितोऽथ प्रयोजनात् ।

अन्योऽर्थो लक्ष्यते यत् सा लक्षणारोपिता क्रिया।।' इस कथन के आचार्य हैं-

    कुन्तक

     विश्वनाथ

    आनन्दवर्धन

    मम्मट

26.

प्रत्येक शब्द से जो अर्थ निकलता है. वह अर्थ बोध कराने वाली शब्द की शक्ति है 

उक्त कथन किस आचार्य का है 

    रामदाहिन मिश्र

    नरोत्तम स्वामी

    शुक्ल जी 

    नगेन्द्र जी 

27.

सघन कुंज छाया सुखद, सीतल मंद समीर।

मन है जात, अजौ वहै, वा यमुना के तीर।। इस वाक्य में कौन-सी शब्द-शक्ति है ?

    अभिधा

    लक्षणा

    शाब्दी व्यंजना

    आर्थी  व्यंजना

28.

शब्द शक्ति के संबंध में इनमें से कौनसा कथन सही नहीं है?

    शब्द की शक्ति उसके अन्तर्निहित अर्थ को व्यक्त करने का व्यापार है।

    अभिधा शब्द शक्ति के द्वारा तीन प्रकार के शब्दों- रूढ़,

     यौगिक और योगरूढ़ का अर्थबोध होता है।

    मम्मट ने शब्द शक्ति के लिए "शक्ति" तथा विश्वनाथ ने 'व्यापार' शब्द का प्रयोग किया।

    व्यंजना शब्द शक्ति से प्राप्त अर्थ को प्रतीयमान अर्थ भी कहते हैं।

29.

रमा ने कहा, राम कल आयेगा। इस वाक्य में कौन-सी शब्द-शक्ति है ?

    अभिधा

    लक्षणा

    शाब्दी व्यंजना

    आर्थी  व्यंजना

30.

अभिधामूला शाब्दी व्यंजना का उदाहरण है -

    भाले आए जब वहाँ, चले बाण घनघोर ।

    कोड़ों की खाकर मार पली, पीड़ित की दबी कराहों में।

    चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल-थल में।

    को घटि ? ए वृषभानुजा, वे हलधर के वीर।

31.

सीता कमल मुखी है।' वाक्य में प्रकट अर्थ है-

    वाच्यार्थ

    लक्ष्यार्थ

    व्यंग्यार्थ

    मुख्यार्थ

32.

उदित उदयगिरि-मंच पर रघुवर-बाल पतंग ।' पंक्ति में शब्द-शक्ति है-

    लक्षणा

    अभिधा

    शाब्दी व्यंजना

     आर्थी व्यंजना।

33.

"फली सकल मन कामना, लूट्यौ अगनित चैन।" उक्त उदाहरण किस शब्द शक्ति का है ?

    गौणी लक्षणा

    लक्षण लक्षणा

    उपादान लक्षणा

    रूढ़ा लक्षणा

34.

 ''अचेतन थे सब नरनार।'' उक्त उदाहरण किस शब्द शक्ति का है ?

    रूढ़ा लक्षणा

    शुद्धा रूढ़ा लक्षणा

    लक्षण लक्षणा

    साध्यवसाना लक्षणा

35.

लक्षणा शब्द शक्ति की परिभाषा से संबंधित कौनसा कथन सही नहीं है?

    मुख्य अर्थ में बाधा उत्पन्न होना।

    मुख्यार्थ बाधित होने पर अन्य अर्थ ग्रहण करना।

    अन्य अर्थ का मुख्य अर्थ से कोई संबंध नहीं होना।

    रूढ़ि या प्रयोजन के आधार पर अन्य अर्थ ग्रहण करना।

36.

बैल खड़ा है इस वाक्य में प्रयुक्त शब्द ‘बैल’ में कौन-सी शब्द-शक्ति पायी जाती है

     अभिधा

    लक्षणा

    व्यंजना

    छंद

37.

शब्द की शक्ति उसके अंतर्निहित अर्थ को व्यक्त करने का व्यापार है।

वस्तुतः, वह शक्ति जिसके द्वारा शब्द के अर्थ का बोध होता है, उसे 'शब्दशक्ति' कहते हैं। 

शब्दशक्ति शब्द में निहित अर्थ को व्यक्त करने वाला व्यापार या साधन है।... 

शब्द - शक्ति के संबंध मे उक्त परिभाषा किसकी है 

    राजवंश सहाय हीरा

    साहित्यकोश 

    रामदहिन मिश्र

    नरोत्तम स्वामी

38.

अभिधा शब्द - शक्ति के संबंध मे सत्य विशेषता का चयन करे ?

    अभिधा शब्द शक्ति का संबंध मुख्यार्थ या वाच्यार्थ से होता है, 

    जबकि लक्षणा शब्द शक्ति का लक्ष्यार्थ से तथा व्यंजना शब्दशक्ति का संबंध व्यंग्यार्थ से होता है।

    वाच्यार्थ को प्रकट करने वाली 'अभिधा शब्दशक्ति' में अर्थ निश्चित होता है 

    फिर भी उसमें कल्पना इत्यादि का चमत्कार रहता है।

    प्रथम शब्दशक्ति होने के कारण अभिधा को 'प्रथमा' और तीनों

     शब्दशक्तियों में सबसे आगे आने के कारण इसे 'अग्रिमा' कहा गया है।

     मुख्य अर्थ का बोध कराने के कारण अभिधा शब्दशक्ति को 'मुख्या' कहा गया है।

    यमक अलंकार में प्रायः 'अभिधा' शब्दशक्ति होती है।

    उपर्युक्त सभी 

39.

"रसानुभूति कराने में अभिधा शक्ति ही प्रधान है।

 अभिधा मुख्य शक्ति है।"  अभिधा शब्द - शक्ति के संबंध मे उक्त परिभाषा किसकी है 

    भट्टनायक

    भट्ट लोलट 

    मुकुलभट्ट

    पतंजलि

40.

तत्र संकेतितार्थस्य बोधनादग्रिमाभिधा ।।

 अभिधा शब्द - शक्ति के संबंध मे उक्त परिभाषा किसकी है 

    विश्वनाथ

    भिखारीदास

    मम्मट

    रामचन्द्र शुक्ल जी 

41.

निम्न मे से कौनसा उदाहरण  गौणी लक्षणा शब्द - शक्ति का नहीं है 

    रजत कुसुम के नव पराग सी उड़ा न दे तू इतनी धूल।

    इस ज्योत्स्ना की अरी बावली। तू इससे जावेगी भूल ।।

    मुरलितका कर पंकज में लसी, जब अचानक बजती कभी।

    तब अनूप पियूष प्रवाह में, जन समागम था अवगाहता

    है करती दुख दूर सभी उनके मुखपंकज की सुघराई।

    याद नहीं रहती दुःख की लख के उसकी मुखचंद्र जुन्हाई

    लहरें व्योम चूमतीं, चपलाएँ असंख्य नचतीं।

    गरद जलद की खड़ी झड़ी में, बूँदें निज संसृति रचतीं ।।

42.

निम्न मे से कौनसा उदाहरण रूढ़ि  लक्षणा शब्द - शक्ति का नहीं है 

    दृग उरझत टूटत कुटुम जुरत चतुर चित्त प्रीति

    डिगत पानि डिगुलात गिरि, लखि सब ब्रज बेहाल ।

    ए रे मतिमंद चंद आवत न तोहि लाज।

    उदाहरण-पंजाब शेर है। राजस्थान वीर है। बिहार साहसी है

43.

मनहूँ उमगि अंग अंग छवि छलके" - तुलसी की इस पंक्ति में कौन सी शब्द शक्ति है

    व्यंजना

    अभिधा

    लक्षणा

    कोई नहीं

44.

बनन में बागन में बगरों बसंत है' पद्माकर के इस पंक्ति का 

अर्थ शब्द के किस शक्ति से ग्रहण किया जाएगा ? 

    लक्षणा से

    अभिधा से 

    व्यंजना से

    इन सभी से

45.

मुख्यार्थबाधे तद्युक्तो ययाऽन्योऽर्थ : प्रतीयते । 

लक्षणा शब्द - शक्ति के संबंध मे उक्त परिभाषा किसकी है 

    सोमनाथ

    प्रतापसाहि

    विश्वनाथ

    इनमे से कोई नहीं 

46.

निम्न मे से कौनसा उदाहरण लक्षण लक्षणा शब्द - शक्ति का है  

    स्वर्णलोक की तुम अप्सरि थी, तुम वैभव में पली हुई।

    फूटी कौड़ी पर विनोदमय जीवन सदा टपकता।

    प्राणधान का स्मरण करो, नयन झरते, नयन झरते

    कीन्ह कैकेयी सब कर काजू

47.

" बांधा था विधु को किसने इन काली जंजीरों से "प्रसाद' का इस पंक्ति का अर्थ 

किस शब्द शक्ति से ग्रहण किया जाएगा

    अभिधा से

    लक्षणा से

    व्यंजना से

    इन सभी से

48.

हरि के चढ़ते ही उड़े सब द्विज एकै साथ। यह उदाहरण किस शब्द शक्ति का है ?

    अभिधामूला व्यंजना

    लक्षणामूला व्यंजना

    साध्यवसाना लक्षणा

    सारोपा लक्षणा

49.

सघन कुंज छाया सुखद शीतल मंद समीर।

मन हवै जात अजौ वहे वा जमुना के तीर - उक्त उदाहरण किस शब्द शक्ति का है ?

    रूढ़ि लक्षणा

    लक्षणामूला व्यंजना

    अभिधामूला व्यंजना

    प्रयोजनवती लक्षणा

50.

अभिधा और लक्षणा के असमर्थ हो जाने पर जिस शब्द-शक्ति के 

माध्यम से शब्द का अर्थ लिया जाता है वह है ? 

    व्यंजना

    रस

    छंद

    अलंकार

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