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हिन्दी साहित्य इतिहास || हिन्दी साहित्य इतिहास 'सिद्ध और नाथ साहित्य' महत्वपूर्ण प्रश्न || टॉपिक वाइज 25 MCQ

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 'सिद्ध और नाथ साहित्य' टॉपिक वाइज 25 MCQs 


1. "बौद्ध धर्म विकृत होकर वज्रयान संप्रदाय के रूप में देश के पूरबी भागों में बहुत दिनों से चला आ रहा था। इन बौद्ध तांत्रिकों के बीच वामाचार अपनी चरम सीमा को पहुँचा। ये बिहार से लेकर आसाम तक फैले थे और सिद्ध कहलाते थे।"कथन किस विद्वान का है?

(क) रामकुमार वर्मा

(ख) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(ग) राहुल सांकृत्यायन

(घ) रामचंद्र शुक्ल

प्रिय पाठकों,........इस पोस्ट में हमने हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण प्रश्नो को क्रमवार समाहित किया है। यदि आपको हमारे द्वारा किया गया यह प्रयास अच्छा लगा है, तो इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ अवश्य साझा करें। आप अपने सुझाव नीचे कमेंट बॉक्स में दर्ज कर सकते है। जिससे हम हिंदी के आगामी ब्लॉग को और बेहतर बनाने की कोशिश कर सकें।

2. सिद्धों का समय है?

(क) सातवीं से बारहवीं शताब्दी

(ख) आठवीं से तेरहवीं शताब्दी 

(ग) नौंवीं से चौदहवीं शताब्दी

(घ) दसवीं से पंद्रहवीं शताब्दी

3. सिद्धों के बारे में जानकारी सबसे पहले किस रचना से प्राप्त होती है?

(क) प्राकृतपैंगलम्

(ख) उक्तिव्यक्ति प्रकरण

(ग) वर्ण रत्नाकर

(घ) श्रावकाचार

4. सिद्ध साहित्य का पता लगाने वाले प्रथम   विद्वान हैं?

(क) प्रबोधचंद्र बागची

(ख) हरप्रसाद शास्त्री

(ग) विधुशेखर शास्त्री

(घ) राहुल सांकृत्यायन

5. सिद्धों के संबंध में असत्य कथन है?

(क) इन्होंने जनभाषा में अपनी वाणी का प्रचार   किया।

(ख) इन्होंने कष्टमय साधना के स्थान पर सहजमार्ग   को अपनाने की सलाह दी।

(ग) इनकी भाषा प्रतीकात्मक,गूढ़,रहस्यात्मक एवं   दुरूह रूपकों से युक्त है।

(घ) इन्होंने शास्त्रोक्त बातों का समर्थन किया।

6. "तांत्रिक साधना सिद्धों का आविष्कार नहीं   थी। यह बौद्धों, शैवों और वैष्णवों में समान   रूप से फैली हुई थी पर बौद्ध तंत्र कुछ   अधिक ही रहस्यवादी और विकृतिपरक हो   गया था।" मान्यता किस विद्वान की है?

(क) रामचंद्र शुक्ल

(ख) राहुल सांकृत्यायन

(ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(घ) डॉ. बच्चन सिंह

7. सिद्धों के चर्यागीतों और दोहा-कोशों का   'बौद्धगान ओ दोहा' के नाम से संपादन   किसने किया?

(क) प्रबोधचंद्र बागची ने

(ख) हरप्रसाद शास्त्री ने

(ग) विधुशेखर शास्त्री ने

(घ) राहुल सांकृत्यायन ने

8. सरहपाद और कृष्णपाद के दोहाकोशों और   चर्यापदों का संपादन 'ले शा मिस्तोक्स' नाम   से किसने किया?

(क) डॉ. कादरी ने

(ख) अबूवक्र ने

(ग) मुहम्मद शहीदल्ला ने

(घ) बेंडल ने

9. सिद्ध-साहित्य के संपादन कार्य का प्रारंभ   करने वाले प्रथम विद्वान हैं?

(क) बेंडल

(ख) प्रबोधचंद्र बागची

(ग) हरप्रसाद शास्त्री

(घ) राहुल सांकृत्यायन

10. सिद्धों के विचार-दर्शन से संबंधित ग्रंथ नही   है?

(क) शक्ति संगम तत्र

(ख) साधन समुच्चय

(ग) आदिकर्म प्रदीप

(घ) मंजु श्री मूलकल्प

11. सिद्धों के चर्यापदों की विशेषता नहीं है?

(क) ये पद गेय हैं।

(ख) इनमें सिद्धों की मनः स्थिति प्रतीकों द्वारा   व्यक्त की गई है।

(ग) इनकी भाषा पूर्वी अपभ्रंश है।

(घ) ये सरल एवं अप्रतीकात्मक भाषा में रचित   हैं।

12. राहुल सांकृत्यायन द्वारा संपादित 'हिंदी   काव्य धारा' में निम्नलिखित में से किस   सिद्ध कवि की रचना शामिल नहीं है?

(क) सरहपा

(ख) लुइपा

(ग) जालंधरपा

(घ) शांतिपा

13. राजशेखर ने 'कर्पूरमंजरी' में किस सिद्ध   योगी का उल्लेख किया है?

(क) भैरवानंद

(ख) नलिनपा

(ग) धोकरिपा

(घ) नागबोधिपा

14. 'बौद्ध सिद्धों की साहित्यिकता संदिन्ध है। उन्होंने अनेक धर्मों के कर्मकांडों का उचित विरोध किया किंतु स्वयं ऐसे कर्मकांडों की सृष्टि की जो और भी गर्हित थे।" कथन किस आलोचक का है?

(क) डॉ. रामकुमार वर्मा

(ख) राहुल सांकृत्यायनM

(ग) रामचंद्र शुक्ल

(घ) डॉ. बच्चन सिंह

15. कालक्रम की दृष्टि से प्रथम सिद्ध हैं?

(क) शबरपा

(ख) लुइपा

(ग) सरहपा

(घ) कण्हपा

16. चौरासी सिद्धों में साधना की दृष्टि से सबसे   ऊँचा स्थान निम्नलिखित में किसका माना   जाता है?

(क) सरहपा

(ख) शबरपा

(ग) लुइपा

(घ) कण्हपा

17. सिद्धों में सबसे ज्यादा रचनाएँ करने वाले सिद्ध कवि हैं?

(क) सरहपा

(ख) कण्हपा

(ग) कुक्कुरिपा

(घ) समुदपा

18. "सिद्धों की भाषा एक हजार वर्ष पुरानी बांगला भाषा है।" मान्यता किस विद्वान की है?

(क) अद्वयवज्र सूरि

(ख) हरप्रसाद शास्त्री

(ग) प्रबोधचंद्र बागची

(घ) विधुशेखर शास्त्री

19. किसने सिद्धों की भाषा को 'आलो   आंधारि' कहा है?

(क) राहुल सांकृत्यायन ने

(ख) बेंडल ने

(ग) हरप्रसाद शास्त्री ने

(घ) मुनि अद्वयवज्र सुरि ने

20. "जो जनता तत्कालीन नरेशों की स्वेच्छा-   चारिता, पराजय या पतन से त्रस्त होकर   निराशावाद के गर्त में गिरी हुई थी उसके लिए   इन सिद्धों की वाणी ने संजीवनी बूँटी का कार्य   किया।" मान्यता किस विद्वान की है?

(क) गणपतिचंद्र गुप्त

(ख) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(ग) रामकुमार वर्मा

(घ) रामचंद्र शुक्ल

21. "सिद्ध साहित्य का महत्त्व इस बात में बहुत   अधिक है कि उससे हमारे साहित्य के आदि   रूप की सामग्री प्रामाणिक ढंग से प्राप्त होती   है।" मान्यता किस विद्वान की है?

(क) डॉ. रामकुमार वर्मा

(ख) राहुल सांकृत्यायन

(ग) हजारी प्रसाद द्विवेदी

(घ) गुलाबराय

22. सिद्ध कवियों का सही आरोही कालानुक्रम है?

(क) सरहपा - लुइपा - कण्हपा -डोंबिपा

(ख) सरहपा-कण्हपा-लुइपा-डोंबिपा

(ग) सरहपा - डोंबिपा-लुइपा-कण्हपा

(घ) लुइपा-सरहपा-कण्हपा-डोंबिपा

23. दारिकपा के गुरु कौन थे?

(क) सरहपा

(ख) शबरपा

(ग) लुइपा

(घ) कण्हपा

24. 'वियुक्त मंजरी गीति' एवं 'हुँकार चित्त'   किस सिद्ध कवि की रचनाएँ हैं?

(क) दारिकपा

(ख) जालंधरपा

(ग) कुक्कुरिया 

(घ) आर्यदेवपा

25. "प्रभावशाली सिद्ध होने के कारण सिद्धों में  इनका स्थान प्रथम है।" डॉ. रामकुमार वर्मा का यह कथन किस सिद्ध कवि के बारे में है?

(क) सरहपा

(ख) लुइपा

(ग) कण्हपा

(घ) शबरपा

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