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IASE,उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान || INSTITUTE OF ADVANCED STUDIES IN EDUCATION || All Competition Exam

उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान INSTITUTE OF ADVANCED STUDIES IN EDUCATION

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 के तहत शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन एवं शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु सेवारत प्रशिक्षण पर बल दिया गया। जिसके तहत सम्पूर्ण देश में उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान एवं शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों की स्थापना की गई।

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IASE संस्थान अपने समस्त महत्त्वपूर्ण विभागों के सक्रिय एवं सकारात्मक समन्वय द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय अभिकरणों के सहयोग से शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।

शिक्षक प्रशिक्षण संस्थाओं में IASE का सर्वोच्च स्थान है।

IASE पर प्रशासनिक नियंत्रण माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर तथा अकादमिक नियंत्रण कॉलेज शिक्षा निदेशालय, जयपुर का है।

पूर्व में इसकी शैक्षिक गतिविधियों का संचालन MHRD के मार्गदर्शन में होता था, लेकिन वर्तमान में यह शिक्षा मंत्रालय के मार्गदर्शन में कार्य कर रही है।

वर्तमान में भारत में 29 उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान हैं।

उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान की स्थापना निम्नांकित उद्देश्यों के लिए की गयी है 

1. बी.एड. एवं एम. एड. सेवा पूर्व पाठ्यक्रम आयोजित कर माध्यमिक स्तर की शिक्षा के लिए प्रशिक्षित शिक्षक तैयार करना।

2. सेवारत शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुधार हेतु सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।

3. माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों में नेतृत्व एवं प्रशासनिक क्षमता संवर्द्धन हेतु सेवारत प्रशिक्षण आयोजित करना।

4. माध्यमिक शिक्षा में शैक्षिक नवाचारों हेतु शिक्षकों को जागरूक करना।

5. माध्यमिक शिक्षा हेतु महत्त्वपूर्ण विषयों पर शैक्षिक शोथ सम्पन्न करवाना।

6. शैक्षिक मूल्यों, पर्यावरण संवर्द्धन, कार्यानुभव शिक्षा, शैक्षिक प्रोद्योगिकी, जनसंख्या शिक्षा, कंप्यूटर शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, आपदा प्रबंधन, नारी सशक्तीकरण आदि विषयों में सेवारत प्रशिक्षण आयोजित करना।

7. विभिन्न शिक्षा संस्थानों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए संदर्भ व्यक्ति प्रशिक्षणों का आयोजन करना। 

8. कार्यरत शिक्षकों को कार्यरत स्थल पर 'On Site Support' प्रदान करना।

9. विभिन्न शिक्षा संस्थानों में समन्वय स्थापित कर शैक्षिक अनुभवों का शिक्षक-शिक्षा में उपयोग।

10. DIET व CTE को अकादमिक निर्देशन देना तथा प्रोजेक्ट (समसा) के अन्तर्गत प्रशिक्षण प्रदान करना एवं मॉनिटरिंग करना।

                              IASE का संगठन

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                 - प्राचार्य (संयुक्त निदेशक के समकक्ष)

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                 - उपप्राचार्य (उपनिदेशक के समकक्ष)

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              - प्रोफेसर (जिला शिक्षा अधिकारी के समकक्ष)

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                    - रीडर (प्रधानाचार्य के समकक्ष)

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                    - व्याख्याता (शाला व्याख्याता के समकक्ष)

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          - अनुदेशक अधिकारी (शाला व्याख्याता के समकक्ष)

                                  IASE के विभाग 

MHRD, भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार संस्थान में निम्नानुसार प्रभाग गठित किए गए हैं-

प्रत्येक प्रभाग का प्रभारी एक शिक्षा अधिकारी होता है तथा इनके सहयोग के लिए संस्थान में शैक्षिक स्टाफ पद स्थापित है।

     IASE में 7 अकादमिक विभाग तथा एक प्रशासनिक विभाग है

1. शैक्षिक आधार विभाग-

- सेवापूर्व शिक्षक प्रशिक्षण तथा सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण के संचालन के लिए आधार पत्र और मोड्यूल तैयार करना।

2. सेवारत शिक्षा एवं प्रसार सेवा विभाग-

- यह विभाग सभी विभागों में समन्वय स्थापित करके अभिनव प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार करता है।

- सेवारत शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करना।

- सेवारत शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शिक्षकों की उपस्थिति, ठहराव को सुनिश्चित करना तथा उन्हें गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करना।

3. विशिष्ट शिक्षा विभाग-

- इस विभाग द्वारा पर्यावरण शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, जनसंख्या शिक्षा, मूल्यांकन प्रणालियों का विकास आदि कार्यक्रमों को संचालित किया जाता है।

4. शोध विभाग-

- यह विभाग माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों के लिए शिविर आयोजित कर इनके माध्यम से विद्यालय की शैक्षिक समस्याओं की पहचान, इनको प्रभावित करने वाले कारक तथा इनके निवारण के क्रियात्मक अनुसंधान के शिविर आयोजित करता है।

5. योजना विभाग-

- यह विभाग विभिन्न संस्थाओं, शैक्षिक नियोजकों, प्रशासनिक अधिकारियों, जिला शैक्षिक अनुसंधान मंच (डर्फ) को शैक्षिक नियोजन तथा नीतिगत राय देना, विस्तृत शैक्षिक उन्नयन योजनाएँ बनाना, माध्यमिक शिक्षा के प्रधानाध्यापकों एवं प्रधानाचार्यों को शैक्षिक प्रशासन, नियोजन, लेखा संबंधी उन्नयन के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य करता है।

6. प्राथमिक शिक्षा विभाग-

- यह विभाग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के शिक्षक प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण एवं व्यवसायोन्नयन, प्रारम्भिक शिक्षा में अनुसंधान, शिक्षक संदर्शिका, प्रारम्भिक शिक्षक संदर्शिका तथा प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वजनीकरण आदि के कार्य करता है।

7. शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग-

- कम लागत में श्रव्य दृश्य सामग्री व अन्य शिक्षण सहायक सामग्री तैयार करना।

- शिक्षण प्रक्रिया में कम्प्यूटर और सूचना प्रौद्योगिकी को काम में लाना।

8. शैक्षिक प्रबंधन और प्रशासन विभाग-

- शिक्षा में प्रबंधन और प्रशासन को संचालित करना।

- शिक्षा से संबंधित वार्षिक योजना केंद्र और राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करना।

                              IASE के कार्य 

प्रशिक्षण संबंधी कार्य :- माध्यमिक शिक्षा स्तर पर दो प्रकार के प्रशिक्षण दिए जाते हैं-

(1) सेवाकालीन प्रशिक्षण :-  शिक्षा में नवाचार से संबंधित शाला व्याख्याताओं, प्रधानाध्यापकों (माध्यमिक शिक्षा), प्रधानाचार्य तथा शिक्षा अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही बीकानेर और अजमेर जिले के वरिष्ठ अध्यापकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण देता है।

2) सेवा पूर्व प्रशिक्षण : - बी.एड. व एम.एड. पाठ्यक्रम पूरा करने वाले विद्यार्थियों को प्रशिक्षण देता है।

(3) सूचना तकनीकी का प्रशिक्षण देना।

(4) अनुदेशन सामग्री का विकास करना।

(5) RMSA & SSA के अंतर्गत प्रशिक्षण एवं मॉनिटरिंग करना।

(6) DIESTS व CTES को अकादमिक निर्देशन देना।

(7) M.Ed., M.Phil., Ph.D. पाठ्यक्रम का संचालन करना।

(8) शिक्षण प्रक्रिया में नवीन गतिविधियों, क्रियाकलापों, नवाचारों और ICT का प्रयोग करना।

(9) अनुसंधान व प्रायोगिक कार्य करवाना।

         राजस्थान में उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE)

- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के तहत शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन एवं शैक्षिक गुणवत्ता संवर्द्धन हेतु सेवारत प्रशिक्षण पर बल दिया गया। जिसके तहत सम्पूर्ण देश में उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान एवं शिक्षक शिक्षा महाविद्यालयों की स्थापना की गई।

- इसी क्रम में बीकानेर में यह संस्थान राजस्थान का प्रथम उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान बना। वर्तमान में राजस्थान में दो उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (बीकानेर एवं अजमेर) एवं आठ शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय है।

* राज्य में केंद्रीय प्रवर्तित योजना के अंतर्गत 4 उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE) की स्थापना सत्र 1981-88 से 2001 तक की अवधि में की गई-

(i) राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, बीकानेर

(ii) राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, अजमेर

(iii) गाँधी विद्या मंदिर उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, सरदारशहर, चूरू (निजी)

(iv) विद्या भवन उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, उदयपुर (निजी) 

नोट: - गाँधी विद्या मंदिर उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, सरदारशहर, चूरू तथा विद्या भवन उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, उदयपुर की मान्यता समाप्त कर दी गई है और वर्तमान में इन्हें CTE (College of Teacher Education) में बदल दिया गया है। 

अतः वर्तमान में राजस्थान में 2 उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE) हैं- बीकानेर व अजमेर।

             1. राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, बीकानेर 

- शिक्षक प्रशिक्षण के लिए इस संस्थान की स्थापना वर्ष 1940 में की गई।

- 1946 में शिक्षक-प्रशिक्षण प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम हेतु स्वीकृति मिली।

- 1956 में संस्थान को बी.एड. स्तर की मान्यता देते हुए शिक्षकप्रशिक्षण महाविद्यालय में क्रमोन्न्त किया गया।

- इस संस्थान को 1970 में एम.एड. स्तर की मान्यता प्राप्त हुई, इससे संस्थान को प्रथम स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ। 1974 में इसे ग्रीष्मकालीन सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण का केंद्र बनाया गया। 

- विद्यालयी शिक्षा एवं शिक्षण में गुणात्मक उन्नयन हेतु शैक्षिक नेतृत्व देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की स्वीकृति के पश्चात राज्य सरकार ने सितंबर, 1988 में संस्थान को 'राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE) के रूप में स्तरोन्नत किया। 

- आजादी से पूर्व स्थापित यह संस्थान प्रदेश में शैक्षिक उन्नयन एवं शिक्षा प्रसार हेतु समर्पित है।

यह दो स्तर के प्रशिक्षण प्रदान करता है-

(i) वरिष्ठ अध्यापक स्तर केवल बीकानेर जिले के वरिष्ठ अध्यापकों को।

(ii) व्याख्याता/प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) / प्रधानाचार्य स्तर- बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, चूरू, सीकर, झुंझुनूँ, सिरोही, जालोर, नागौर, अलवर, दौसा, जयपुर, पाली आदि शामिल हैं।

             2. राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान, अजमेर 

- सर्वप्रथम 1941 में शिक्षक प्रशिक्षण को सर्व सुलभ बनाने के लिये इसकी स्थापना की गई।

- प्रारम्भ में ही इसे बी.टी.सी. (शिक्षण प्रशिक्षण विद्यालय) एवं सी.टी. (शिक्षण प्रमाण परीक्षा) स्तर की मान्यता प्रदान की गई तथा 1950 में बुनियादी एवं एस.टी.सी. शिक्षा प्रशिक्षण विद्यालय स्तर का पाठयक्रम प्रारम्भ किया गया।

- शिक्षण प्रशिक्षण के अन्तर्गत 1957 में इसे बी.एड. स्तर की मान्यता देते हुए महाविद्यालय में क्रमोन्नत किया गया। इस महाविद्यालय को 1988 में एम.एड. स्तर की मान्यता प्राप्त हुई। इस मान्यता के साथ इसे राजस्थान में स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त हुआ।

- सन् 1974 में इसे ग्रीष्मकालीन सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण का केन्द्र बनाया गया तथा 1989 में इसे राजकीय उच्च अध्ययन शिक्षा संस्थान (IASE) में स्तरोन्नत किया गया।

- यह राजस्थान का दूसरा IASE है।

* यह दो स्तर के प्रशिक्षण प्रदान करता है-

(i) वरिष्ठ अध्यापक स्तर केवल अजमेर जिले के वरिष्ठ अध्यापकों को

(ii) व्याख्याता/प्रधानाध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) / प्रधानाचार्य स्तर- अजमेर, कोटा, बारों, उदयपुर, झालावाड़, बूँदी, सवाई माधोपुर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा, भरतपुर, धौलपुर, करौली, टोंक, प्रतापगढ़ आदि शामिल हैं।

नोट :- शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (CTE):- वर्तमान में राजस्थान में 8 शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय को CTE का दर्जा दिया गया है। जिनका मुख्य कार्य माध्यमिक स्तर के वरिष्ठ अध्यापकों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। अजमेर व बीकानेर जिले को छोड़कर राज्य के बाकी सभी जिलों के माध्यमिक स्तर के वरिष्ठ अध्यापकों को सेवाकालीन प्रशिक्षण शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय (CTE) द्वारा प्रदान किया जाता हैं।

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